राजसमन्द, 2 सितम्बर। शहर सहित आसपास का समूचा क्षेत्र इन दिनों ‘जय बाबा री’ ‘म्हारो हेलो सुणोजी रामापीर ओ’ ‘घणी-घणी खम्मा ओ’ जैसे गगनभेदी जयकारों से गुंजायमान हो रहा है। विभिन्न क्षेत्रों से जिला मुख्यालय आने वाले लगभग सभी रास्ते और यहां से केलवा जाने वाला पूरा मार्ग रामदेवरा जाने वाले जातरुओं से आबाद है।
रामदेवरा जाने के लिए यात्रियों का क्रम यों तो पिछले एक पखवाड़े से निरन्तर चल रहा है लेकिन भादवी बीज नजदीक आने के साथ ही इनकी चहल-पहल में भारी इजाफा हो गया है। रेलमगरा, मोही, कुंवारिया, नाथद्वारा सहित जिला मुख्यालय पर आने वाले लगभग तमाम मार्गो से वर्तमान में इन जातरुओं की बड़ी तादाद में शहर में आवक हो रही है। हजारों यात्री प्रतिदिन यहां होकर आगे बढ़ रहे है। इनमें पैदल, दुपहिया वाहन, साइकिल यात्री मुख्य रूप से शामिल है जबकि कई चारपहिया वाहनों में भी यात्री पहुंच रहे है। इनमें महिलाओं व बच्चों की संख्या भी काफी है। इसके अन्तर्गत चित्तौडग़ढ़ व प्रतापगढ़ जिलों के विभिन्न गांवों-कस्बों, भीलवाड़ा जिले के बेगूं-बिजौलिया, रावतभाटा क्षेत्र के अलावा सीमावर्ती राज्य मध्यप्रदेश के नीमच, मन्दसौर, उज्जैन, रतलाम, जावरा तथा आगे इन्दौर तक के यात्रियों की भारी भीड़ आ रही है। उदयपुर जिला तथा इससे सटे गुजरात के विभिन्न प्रान्तों से भी बड़ी तादाद में जातरु रामदेवरा जा रहे है। खास बात यह कि इनमें कई यात्री अपने गांव से आठ सौ किलोमीटर से भी अधिक दूरी का सफर तय कर रामदेवरा पहुंचेंगे जिन्हें अपने घर से निकले कई दिन बीत गए है। यही नहीं इनमें कई यात्री नंगे पैर ही पैदल सफर तय कर रहे है और यह सब देख बाबा रामदेव के प्रति इनकी अगाध आस्था स्पष्ट झलकती है।
द्वारकाधीश मंदिर में उमड़ा जातरूओं का सैलाब : राजसमन्द जिला मुख्यालय पर होकर निकलने वाले अधिकांश यात्री कांकरोली स्थित प्रभु द्वारकाधीश मंदिर में दर्शनार्थ पहुंच रहे है। बुधवार सुबह मंगला दर्शन में जातरूओं का सैलाब उमड़ पड़ा। जातरूओं के उमडऩे से दैनिक मंगला दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं ने भी दर्शन व्यवस्था में सहयोग किया। रोजाना हजारों जातरु प्रभु के दर्शन के बाद ही गंतव्य के लिए प्रस्थान कर रहे है। इसके चलते कांकरोली शहर में मंदिर मार्ग के अलावा मुखर्जी चौराहा, जेके मोड़, चौपाटी, पुराना बस स्टेण्ड से लेकर राजनगर तक के रास्ते इन यात्रियों से पूरी तरह आबाद नजर आते है। सूर्योदय से लेकर देर रात्रि तक यही नजारे बने रहते है। इसके साथ ही कांकरोली स्थित गुप्तेश्वर महादेव, राजमार्ग स्थित रामेश्वर महादेव सहित मार्ग में आने वाले विभिन्न देवालयों में भी दिनभर दर्शन के लिए इन जातरुओं की चहल पहल रहती है। वाहनों तथा पैदल आवाजाही करते इन यात्रियों के जत्थे जय बाबा री, जय रामापीर की सहित बाबा रामदेव से जुड़े कई जयकारे लगाते हुए तो कई भक्त भजन गायन करते हुए निकलते है। मार्गो में इन जत्थों के जयकारों से प्रभावित कई अन्य लोग भी इनके साथ जैकारे लगाते रहते है। इससे पूरा माहौल धर्ममय बना रहता है। यात्रियों के अधिकांश दुपहिया वाहनों पर बाबा रामदेव के भजन गूंजते सुनाई देते है।
श्रद्धालुओं ने जगह-जगह लगाए राम-रसोड़े : इन जातरुओं की सेवा-सुश्रुषा करने वाले बाबा के भक्तों की भी कहीं कोई कमी नहीं है। लगभग सभी मार्गो पर जगह-जगह रामरसोड़े चल रहे है। इनमें से कहीं शीतल पेयजल, चाय, केला आदि अल्पाहार की व्यवस्था चल रही है तो कई रामरसोड़ों में अल्पाहार और भोजन की व्यवस्थाएं मौजूद है। कई स्थानों पर रात्रि विश्राम के इंतजाम भी किए गए है। यही नहीं बीमार जातरुओं के लिए दवा आदि की व्यवस्था रामरसोड़ों में की गई है। खास बात यह कि रामरसोड़ों में कार्यकर्ता पूरी तन्मयता के साथ इन जातरुओं की सेवा में जुटे रहते है तथा यहां से गुजरने वाले यात्रियों की अल्पाहार, भोजन आदि के लिए मान-मनुहार करते नजर आते है। इनमें से अधिकांश रामरसोड़ों में रात्रि के समय भजन-कीर्तन का दौर चलता रहता है तथा यहां ठहरने वाले यात्री नाचते-गाते आनंदित होते है।