Monday, April 2, 2018

20 हजार की रिश्वत लेते देलवाड़ा थानेदार और देलवाड़ा सरपंच गिरफ्तार

राजसमंद. भ्रष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो राजसमंद की टीम ने सोमवार शाम को देलवाड़ा पनुलिस थाने में 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए थानेदार माधवसिंह और देलवाड़ा सरपंच दिनेश पालीवाल को गिरफ्तार कर लिया। थानेदार ने यह रिश्वत की राशि सरपंच के शांतिभंग के मुकदमे को रफादफा करने की एवज में ली थी। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कार्रवाई से समूचे देलवाड़ा थाने के अफसरों व जवानों में हडक़ंप मच गया। जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को शिकायत मिली थी कि धारा 151 के शांतिभंग मामले की फाइल बंद करने की एवज में देलवाड़ा थाना पुलिस द्वारा 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी जा रही है। एसीबी द्वारा सत्यापन कराया गया, जिसमें पाया गया कि थानेदार माधवसिंह ने देलवाड़ा सरपंच दिनेश पालीवाल के मार्फत रिश्वत की राशि मांगी थी। इसका सत्यापन होने के साथ ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो दल ने रंगे हाथ रिश्वत लेते पकडऩे के लिए कार्ययोजना बनाई। इसके तहत फरियादी को रिश्वत की राशि लेकर सोमवार शाम पांच बजे देलवाड़ा थाने बुलाया गया, जहां रिश्वत की राशि देलवाड़ा सरपंच ने लेकर देलवाड़ा थानेदार माधवसिंह को सौंप दी। इसके बाद फरियादी का इशारा पाते ही एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश चौधरी ने मय दल के दबिश दे दी। सरपंच व थानेदार को पकडऩे के बाद उनकी तलाशी लेकर उनसे 20 हजार रुपए की राशि बरामद कर ली और दोनों के हाथ धुलवाए गए, जिससे उनके हाथ पर रंग उभर आया। एसीबी दल ने रिश्वत की राशि जब्त करने के बाद थाना कार्यालय व आवास की भी तलाशी ली। उसके बाद एसीबी टीम दोनों आरोपितों को लेकर राजसमंद एसीबी कार्यालय पहुंची, जहां गहन पूछताछ के बाद रिपोर्ट तैयार की गई।
2 लाख की बजाय उठाए प्रति माह 9-9 लाख 
नाथद्वारा शहर में जल वितरण व्यवस्था में कई फर्जी कार्मिकों के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान नगरपालिका नाथद्वारा से उठाने की शिकायत पर भ्रष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो ने सोमवार दोपहर को नगरपालिका नाथद्वारा में छापा मार कार्रवाई की। बिना टेंडर के ही तत्कालीन नगरपालिका आयुक्त तनुजा सोलंकी व जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग के सहायक अभियंता नाथूसिंह राठौड़ द्वारा उदयपुर की स्वयंसेवी संस्था को कार्मिक सप्लाई का कार्य दे दिया। संस्था के अधीन करीब 40 कार्मिक कार्यरत है, जिनका मासिक वेतन 5 हजार रुपए के आधार पर 2 लाख रुपए प्रतिमाह बन रहा है, मगर संस्था को प्रतिमाह 9 लाख रुपए भुगतान करने का आरोप है। एसीबी ने जांच के बाद नगरपालिका से आवश्यक रिकॉर्ड जब्त कर लिया। इस दौरान जलदाय विभाग कनिष्ठ अभियंता दीपमाला सैनी, नगरपालिका आयुक्त लजपालसिंह भी मौजूद थे। एसीबी ने उनके बयान भी लिए।

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