राजसमंद। गर्मी और उमस कम नहीं हो रही है। बादलों के बीच उमस और बादल छंटते ही तेज तपन से जिलेभर में सोमवार को जनजीवन बेहाल रहा। हालांकि जिला मुख्यालय पर सुबह करीब सात बजे व शाम करीब चार बजे कुछ देर मामूली फुहारें गिरी लेकिन माहौल में ठण्डक नहीं आ पाई। कभी धूप, कभी छांव के क्रम के बीच उमस और गर्मी ने जनजीवन को परेशान किए रखा। हालांकि आमेट क्षेत्र में मामूली बूंदाबांदी से आमजन ने राहत की सांस ली।
मुख्यालय पर सुबह से सूर्य घने बादलों के बीच छिपा रहा। करीब सात बजे कुछ पलों के लिए कहीं-कहीं मामूली फुहारें गिरी। जोर के बावजूद बादलों ने जनजीवन को तरसा दिया। दोपहर के वक्त तेज और सीधी धूप के कारण पारा फिर से चढ गया। माहौल में उमस और तपन के कारण सडकों-गली-मोहल्लों में वीरानी सी पसरी रही। दोपहर तीन बजे बाद सूर्य को बादलों ने एक बार फिर आगोश में ले लिया व कुछ पल मामूली फुहारें गिरी लेकिन जल्द ही बादल छंट गए। इससे गर्मी और उमस का जोर बढ गया।
आमेट। तेज गर्मी और उमस के बीच दोपहर करीब तीन बजे क्षेत्र में दस मिनट के लिए हल्की बूंदाबांदी हुई। इससे माहौल में ठण्डक छा गई तथा गर्मी से राहत मिली। बूंदाबांदी की शुरूआत के साथ विद्युत आपूर्ति ठप हो गई।
केलवा। कस्बे सहित आसपास के क्षेत्रों में दोपहर करीब चार बजे धूलभरी हवाओं के साथ हल्की बूंदाबांदी हुई। कुछ देर बाद छोटे ओले भी गिरे। बूंदाबांदी के कारण छतों से टपकते हुए पानी सडकों पर आ गया। ओले एकत्र करने के लिए छोटे बच्चे सडकों पर आ गए।
मुख्यालय पर सुबह से सूर्य घने बादलों के बीच छिपा रहा। करीब सात बजे कुछ पलों के लिए कहीं-कहीं मामूली फुहारें गिरी। जोर के बावजूद बादलों ने जनजीवन को तरसा दिया। दोपहर के वक्त तेज और सीधी धूप के कारण पारा फिर से चढ गया। माहौल में उमस और तपन के कारण सडकों-गली-मोहल्लों में वीरानी सी पसरी रही। दोपहर तीन बजे बाद सूर्य को बादलों ने एक बार फिर आगोश में ले लिया व कुछ पल मामूली फुहारें गिरी लेकिन जल्द ही बादल छंट गए। इससे गर्मी और उमस का जोर बढ गया।
आमेट। तेज गर्मी और उमस के बीच दोपहर करीब तीन बजे क्षेत्र में दस मिनट के लिए हल्की बूंदाबांदी हुई। इससे माहौल में ठण्डक छा गई तथा गर्मी से राहत मिली। बूंदाबांदी की शुरूआत के साथ विद्युत आपूर्ति ठप हो गई।
केलवा। कस्बे सहित आसपास के क्षेत्रों में दोपहर करीब चार बजे धूलभरी हवाओं के साथ हल्की बूंदाबांदी हुई। कुछ देर बाद छोटे ओले भी गिरे। बूंदाबांदी के कारण छतों से टपकते हुए पानी सडकों पर आ गया। ओले एकत्र करने के लिए छोटे बच्चे सडकों पर आ गए।
No comments:
Post a Comment