गिलूण्ड। पनोतिया गांव के कुएं पर सोमवार को पानी पीने के दौरान कुएं में गिरी भैंस प्रशासनिक अमले की चार घंटे की मशक्कत के बाद भी नहीं निकाली जा सकी। जानकारी के अनुसार पनोतिया गांव में विद्यालय के पिछवाडे बने केसुलाल सेन के कुएं के समीप बनी खेल्ी में पानी पीने के लिए आज तडके भूरालाल बागरिया की भैंस पहुंची।
इस दौरान वहां पहुंचे सांड से डरकर भैंस भागने लगी, तभी पैर फिसलने से वह सवा सौ फीट गहरे व पांच फीट चौडे कुएं में जा गिरी। घटना के समय कुएं में पानी नहीं था। मामले की सूचना पाकर रेलमगरा नायब तहसीलदार मदनलाल जीनगर, विकास अधिकारी भगवतीप्रसाद, भू-अभिलेख अधिकारी जमनालाल टांक, गिलूण्ड पुलिस चौकी प्रभारी रामसिंह सहित कई ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। कुछ देर प्रयास करने के बाद भी भैंस को कुएं से नहीं निकाला जा सका।
बाद में प्रशासन ने गिलूण्ड से क्रेन मंगवाकर भैंस को कुएं से बाहर निकालने के प्रयास किए। भैंस क्रेन के सहारे रस्सियों से बांधकर करीब साठ फीट बाहर भी निकाला गया, तभी रस्सी टूटने से भैंस फिर से कुएं में जा गिरी। नायब तहसीलदार मदनलाल जीनगर ने बताया कि भैंस को निकालने के लिए दरीबा से लंबे रस्से वाली के्रन मंगवाई गई। क्रेन के पहुंचने के बाद भैंस को निकालने का कार्य फिर से शुरू किया जाएगा।
इस दौरान वहां पहुंचे सांड से डरकर भैंस भागने लगी, तभी पैर फिसलने से वह सवा सौ फीट गहरे व पांच फीट चौडे कुएं में जा गिरी। घटना के समय कुएं में पानी नहीं था। मामले की सूचना पाकर रेलमगरा नायब तहसीलदार मदनलाल जीनगर, विकास अधिकारी भगवतीप्रसाद, भू-अभिलेख अधिकारी जमनालाल टांक, गिलूण्ड पुलिस चौकी प्रभारी रामसिंह सहित कई ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। कुछ देर प्रयास करने के बाद भी भैंस को कुएं से नहीं निकाला जा सका।
बाद में प्रशासन ने गिलूण्ड से क्रेन मंगवाकर भैंस को कुएं से बाहर निकालने के प्रयास किए। भैंस क्रेन के सहारे रस्सियों से बांधकर करीब साठ फीट बाहर भी निकाला गया, तभी रस्सी टूटने से भैंस फिर से कुएं में जा गिरी। नायब तहसीलदार मदनलाल जीनगर ने बताया कि भैंस को निकालने के लिए दरीबा से लंबे रस्से वाली के्रन मंगवाई गई। क्रेन के पहुंचने के बाद भैंस को निकालने का कार्य फिर से शुरू किया जाएगा।
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