केन्द्रीय दूरसंचार राज्यमंत्री सचिन पायलट (SACHIN PAILOT) शनिवार सुबह केलवा पहुंचे और यहां चातुर्मास कर रहे तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें अधिष्ठाता आचार्यश्री महाश्रमण से आशीर्वाद लिया। इस दौरान मंत्री पायलट ने संवत्सरी महापर्व, खमत खामना, तेरापंथ धर्मसंघ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, गुरुदेव आचार्यश्री द्वारा देश में चलाए गए अणुव्रत आंदोलन और आचार्यश्री महाप्रज्ञ की अहिंसा यात्रा की विस्तृत जानकारी ली। चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष महेन्द्र कोठारी एवं पदाधिकारियों ने स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया। मंत्री के साथ राजसमंद जिला कांग्रेस अध्यक्ष देवकीनंदन गुर्जर भी थे।
केलवा में बना अविस्मरणीय इतिहास
शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमण के सान्निध्य में शनिवार को क्रांतिभूति केलवा का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो गया। पर्युषण महापर्व में संवत्सरी के दिन यहां पर लगभग पांच हजार श्रावक-श्राविकाओं ने विभिन्न तरह के पौषध किए। इसके अलावा व्यवस्था समिति की ओर से बाहर से आने वाले लोगों के अस्थाई ठहराव को लेकर बनाई गई कोटडियों में रहकर पौषध करने वालों की संख्या इससे अलग रही। इतनी ज्यादा संख्या में पौषध को देखकर आचार्यश्री ने श्रावक-श्राविकाओं को सदैव इस तरह के उपक्रम जीवन में करते रहने की प्रेरणा दी। साथ ही कहा कि इतने छोटे कस्बे में इतनी बेहतर व्यवस्था करना व्यवस्था समिति के पदाधिकारियों की मेहनत का फल है। पौषध के प्रति श्रावक समाज की उत्सुकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जहां देखो वहां पौषध करने वाले ही नजर आ रहे थे। कॉन्फ्रेन्स हॉल, पांडाल, घरों के बाहर और भीतर वे ही नजर आ रहे थे। सुबह नौ बजे भोजनशाला में सामूहिक पारणा का आयोजन किया गया। इसमें साढे छह हजार का पारणा कराया गया।
शिक्षकों की कार्यशाला आज
अणुव्रत आंदोलन नैतिकता का एक असाम्प्रदायिक अभियान है। शिक्षकों के लिए अणुव्रत शिक्षक संसद का एक राष्ट्रीय अभियान अणुव्रत के अर्न्तगत चलाया जा रहा है। राजसमंद जिले के शिक्षकों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन रविवार को आचार्यश्री महाश्रमण के सान्निध्य में अणुव्रत प्रभारी मुनि सुखलाल एवं सहप्रभारी मुनि अक्षयप्रकाश के निर्देशन में होगा। संसद के अध्यक्ष भीकमचंद नखत ने बताया कि इस कार्यशाला में जिला शिक्षा अधिकारी राकेश तैलंग एवं घनश्याम दैया भी भाग लेंगे। इसमें अणुव्रत के विविध पक्षों पर विचार-मंथन किया जाएगा।
केलवा में बना अविस्मरणीय इतिहास
शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमण के सान्निध्य में शनिवार को क्रांतिभूति केलवा का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो गया। पर्युषण महापर्व में संवत्सरी के दिन यहां पर लगभग पांच हजार श्रावक-श्राविकाओं ने विभिन्न तरह के पौषध किए। इसके अलावा व्यवस्था समिति की ओर से बाहर से आने वाले लोगों के अस्थाई ठहराव को लेकर बनाई गई कोटडियों में रहकर पौषध करने वालों की संख्या इससे अलग रही। इतनी ज्यादा संख्या में पौषध को देखकर आचार्यश्री ने श्रावक-श्राविकाओं को सदैव इस तरह के उपक्रम जीवन में करते रहने की प्रेरणा दी। साथ ही कहा कि इतने छोटे कस्बे में इतनी बेहतर व्यवस्था करना व्यवस्था समिति के पदाधिकारियों की मेहनत का फल है। पौषध के प्रति श्रावक समाज की उत्सुकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जहां देखो वहां पौषध करने वाले ही नजर आ रहे थे। कॉन्फ्रेन्स हॉल, पांडाल, घरों के बाहर और भीतर वे ही नजर आ रहे थे। सुबह नौ बजे भोजनशाला में सामूहिक पारणा का आयोजन किया गया। इसमें साढे छह हजार का पारणा कराया गया।
शिक्षकों की कार्यशाला आज
अणुव्रत आंदोलन नैतिकता का एक असाम्प्रदायिक अभियान है। शिक्षकों के लिए अणुव्रत शिक्षक संसद का एक राष्ट्रीय अभियान अणुव्रत के अर्न्तगत चलाया जा रहा है। राजसमंद जिले के शिक्षकों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन रविवार को आचार्यश्री महाश्रमण के सान्निध्य में अणुव्रत प्रभारी मुनि सुखलाल एवं सहप्रभारी मुनि अक्षयप्रकाश के निर्देशन में होगा। संसद के अध्यक्ष भीकमचंद नखत ने बताया कि इस कार्यशाला में जिला शिक्षा अधिकारी राकेश तैलंग एवं घनश्याम दैया भी भाग लेंगे। इसमें अणुव्रत के विविध पक्षों पर विचार-मंथन किया जाएगा।
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