तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें अधिष्ठाता आचार्यश्री महाश्रमण ने कहा कि आज के परिवेश में व्यक्ति का तर्कवादी होना अत्यंत आवश्यक है। आध्यात्म के क्षेत्र में तार्किकता का भाव होना चाहिए। मैं स्वयं तर्कवाद को काम में लेता हंू। तर्कवाद मनुष्य को ज्ञानी और विषयविद् बनाने में मदद करता है। आचार्यश्री ने उक्त उद्गार यहां तेरापंथ समवसरण में चल रहे चातुर्मास के दौरान अमृत महोत्सव के दूसरे दिन गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम में मौजूद हजारों लोगांे को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्द्धात्मक इस युग में आदमी के दिमाग में तर्क पैदा होना चाहिए। तार्किक व्यक्ति बात को अच्छी तरह से समझता है और परस्पर बातचीत में अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि सामने वाला तर्क की बातों का कोई जवाब नहीं दे पाता और निरुत्तर हो जाता है। जो व्यक्ति तर्क करना नहीं जानता वह मूक प्राणी है। आज जिस व्यक्ति के पास भाषा है, लेकिन उस पर नियंत्रण नहीं है तो भाषा का ज्ञान होना अनावश्यक हो सकता है। जिसके पास शब्द भंडार है वह ब्रहृा है। जिसके पास साहित्यक शक्ति नहीं है वह पंगु है और जिसके पास तर्क नहीं है। वह अपनी बात कहने में असमर्थ होता है। आचार्यश्री ने कहा कि अध्यात्म के क्षेत्र में श्रद्धा का बडा महत्व है। दो प्रकार के पदार्थ है हेतु गम्य और अहेतु गम्य। आचार्यश्री भिक्षु की भूमि पर बैठे है। वे बेजोड थे और उनमें श्रद्धा भरी हुई थी। तेरापंथ में तर्क और श्रद्धा दोनों का प्रयोग होता है। धर्म संघ में सर्वोच्च आचार्य होते है। मेरा 50 वां वर्ष चल रहा है। जन्म दिन को मनाना आवश्यक नहीं मानता। जन्म लेना बडी बात नहीं है। कृतत्व का शताब्दी समारोह मनाया जाए तो अच्छी बात होती है। मेरा अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। मैं संघ की बात को ना नहीं कह सकता। उन्होंने कहा कि 12 व्रतों को धारण करने की लहर चल रही है। नशामुक्ति का कार्य भी चल रहा है। संस्कृत भाषा का अभ्यास मंद न पडे। इस दिशा में ध्यान देने की आवश्यकता है। इसका अभ्यास निरन्तर चलता रहना चाहिए। मैं अनुभव करता हंू कि तेरापंथ के आचार्य के पास कितनी शक्ति है। यह बडा वैभव है। इस वैभव का उपयोग धर्मसंघ के विकास में होता रहे और समाज विकास के पथ पर अग्रसर हो। केन्द्रीय संस्थाएं निरन्तर काम कर रही है। यह फूलों से भी बडी संस्था संस्था है। यह नीति निर्धारण का मंच है। महासभा भी कार्य कर रही है। तेरापंथ युवक परिषद् में युवाओं की फौज है। एक अच्छा नेटवर्क बना हुआ है। यह युवा हमारी शक्ति है। इस अवसर पर साघ्वी सुमतिप्रभा, साध्वी शशिप्रभा, साध्वी सदुप्रभा, साध्वी स्वस्तिकप्रभा, मुनि पुलकित कुमार, शासन गौरव मुनि धनंजय कुमार, मुनि अशोककुमार, साध्वी सुभ्रयशा और मुनि महावीर ने गीत का संगान और अपने विचार प्रकट किए। प्रारंभ में मुमुक्षु परिवार की ओर से मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया और अमृत महोत्सव के दूसरे दिन का आगाज हुआ। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में तेरापंथ विकास परिषद् की ओर से कन्हैयालाल छाजेड, जय तुलसी फाउन्डेशन की ओर से हीरालाल मालू, जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चैनरूप चंडालिया, जैन विश्व भारती के विजयसिंह चौरडिया, जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय की कुलपति समकी चरित्रप्रज्ञा, अणुव्रत महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल गोलछा, राष्ट्रीय अणुव्रत शिक्षक संसद के धर्मचंद जैन अनजाना, पारमार्थिक शिक्षक संस्था के बजरंग जैन, प्रेक्षा विश्व भारती अहमदाबाद के जसराज वुरड, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के सलील लोढा, अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के अध्यक्ष गौतम डागा और अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कनक परमेचा ने विचार व्यक्त किए।
आचार्य तुलसी कर्तव्य पुरस्कार उदयपुर की नीलिमा खेतान को
इस अवसर पर अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कनक परमेचा ने वार्षिक पुरस्कारों की घोषणा करते हुए बताया कि इस वर्ष का आचार्य तुलसी व्यक्तित्व पुरस्कार सेवा सदन संस्था उदयपुर की नीलिमा खेतान को उनके द्वारा आदिवासी क्षेत्रों के विकास में किए गए कार्यों को लेकर दिया जाएगा। इसके साथ ही श्राविका गौरव पुरस्कार मुंबई की प्रेम सिसोदिया और सुशीला कच्छारा को दिया जाएगा। प्रतिभा पुरस्कार मीनाक्षी बुतोडिया को प्रदान किया जाएगा। तेरापंथ युवक परिषद् की ओर से इस वर्ष प्रदान किए जाने वाले पुरस्कारों की भी घोषणा कार्यक्रम के दौरान की गई। आचार्य महाप्रज्ञ प्रतिभा पुरस्कार प्रमोद घोडावत व आचार्य महाश्रमण पुरस्कार जयपुर के सुधीर चौरडिया को दिया जाएगा।
रक्तदान शिविर आज
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् व तेरापंथ किशोर मंडल के तत्वावधान में आचार्य महाश्रमण अमृत महोत्सव के द्वितीय चरण में शुक्रवार को केलवा में रक्त दान शिविर आयोजित किया जाएगा। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के सदस्य और शिविर संयोजक डॉ. विमल कावडिया ने बताया कि सुबह नौ बजे से दोपहर तीन बजे तक आचार्यश्री महाश्रमण के प्रवचन पांडाल के पास स्थित का्रॅन्फेन्स हॉल में शिविर आयोजित होगा। केलवा तेयुप के अध्यक्ष विकास कोठारी ने बताया कि इस शिविर में 18 से 55 वर्ष की आयु और 40 किलोग्राम से अधिक वजन वाले स्त्री-पुरूष रक्तदान कर सकेगा। तेयुप मंत्री लक्की कोठारी ने बताया कि तेरापंथ युवक परिषद् के विशेष सहयोग से आयोजित होने वाले इस शिविर में भीलवाडा, गंगापुर, ब्यावर, भीम, देवगढ, राजसमंद, केलवा, उदयपुर, सरदारगढ, दिवेर, नाथद्वारा, आमेट, रेलमगरा, शिशोदा, चित्तौडगढ और आसींद आदि युवक परिषद् की सहभागिता रहेगी।
उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्द्धात्मक इस युग में आदमी के दिमाग में तर्क पैदा होना चाहिए। तार्किक व्यक्ति बात को अच्छी तरह से समझता है और परस्पर बातचीत में अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि सामने वाला तर्क की बातों का कोई जवाब नहीं दे पाता और निरुत्तर हो जाता है। जो व्यक्ति तर्क करना नहीं जानता वह मूक प्राणी है। आज जिस व्यक्ति के पास भाषा है, लेकिन उस पर नियंत्रण नहीं है तो भाषा का ज्ञान होना अनावश्यक हो सकता है। जिसके पास शब्द भंडार है वह ब्रहृा है। जिसके पास साहित्यक शक्ति नहीं है वह पंगु है और जिसके पास तर्क नहीं है। वह अपनी बात कहने में असमर्थ होता है। आचार्यश्री ने कहा कि अध्यात्म के क्षेत्र में श्रद्धा का बडा महत्व है। दो प्रकार के पदार्थ है हेतु गम्य और अहेतु गम्य। आचार्यश्री भिक्षु की भूमि पर बैठे है। वे बेजोड थे और उनमें श्रद्धा भरी हुई थी। तेरापंथ में तर्क और श्रद्धा दोनों का प्रयोग होता है। धर्म संघ में सर्वोच्च आचार्य होते है। मेरा 50 वां वर्ष चल रहा है। जन्म दिन को मनाना आवश्यक नहीं मानता। जन्म लेना बडी बात नहीं है। कृतत्व का शताब्दी समारोह मनाया जाए तो अच्छी बात होती है। मेरा अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। मैं संघ की बात को ना नहीं कह सकता। उन्होंने कहा कि 12 व्रतों को धारण करने की लहर चल रही है। नशामुक्ति का कार्य भी चल रहा है। संस्कृत भाषा का अभ्यास मंद न पडे। इस दिशा में ध्यान देने की आवश्यकता है। इसका अभ्यास निरन्तर चलता रहना चाहिए। मैं अनुभव करता हंू कि तेरापंथ के आचार्य के पास कितनी शक्ति है। यह बडा वैभव है। इस वैभव का उपयोग धर्मसंघ के विकास में होता रहे और समाज विकास के पथ पर अग्रसर हो। केन्द्रीय संस्थाएं निरन्तर काम कर रही है। यह फूलों से भी बडी संस्था संस्था है। यह नीति निर्धारण का मंच है। महासभा भी कार्य कर रही है। तेरापंथ युवक परिषद् में युवाओं की फौज है। एक अच्छा नेटवर्क बना हुआ है। यह युवा हमारी शक्ति है। इस अवसर पर साघ्वी सुमतिप्रभा, साध्वी शशिप्रभा, साध्वी सदुप्रभा, साध्वी स्वस्तिकप्रभा, मुनि पुलकित कुमार, शासन गौरव मुनि धनंजय कुमार, मुनि अशोककुमार, साध्वी सुभ्रयशा और मुनि महावीर ने गीत का संगान और अपने विचार प्रकट किए। प्रारंभ में मुमुक्षु परिवार की ओर से मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया और अमृत महोत्सव के दूसरे दिन का आगाज हुआ। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में तेरापंथ विकास परिषद् की ओर से कन्हैयालाल छाजेड, जय तुलसी फाउन्डेशन की ओर से हीरालाल मालू, जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चैनरूप चंडालिया, जैन विश्व भारती के विजयसिंह चौरडिया, जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय की कुलपति समकी चरित्रप्रज्ञा, अणुव्रत महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल गोलछा, राष्ट्रीय अणुव्रत शिक्षक संसद के धर्मचंद जैन अनजाना, पारमार्थिक शिक्षक संस्था के बजरंग जैन, प्रेक्षा विश्व भारती अहमदाबाद के जसराज वुरड, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के सलील लोढा, अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के अध्यक्ष गौतम डागा और अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कनक परमेचा ने विचार व्यक्त किए।
आचार्य तुलसी कर्तव्य पुरस्कार उदयपुर की नीलिमा खेतान को
इस अवसर पर अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कनक परमेचा ने वार्षिक पुरस्कारों की घोषणा करते हुए बताया कि इस वर्ष का आचार्य तुलसी व्यक्तित्व पुरस्कार सेवा सदन संस्था उदयपुर की नीलिमा खेतान को उनके द्वारा आदिवासी क्षेत्रों के विकास में किए गए कार्यों को लेकर दिया जाएगा। इसके साथ ही श्राविका गौरव पुरस्कार मुंबई की प्रेम सिसोदिया और सुशीला कच्छारा को दिया जाएगा। प्रतिभा पुरस्कार मीनाक्षी बुतोडिया को प्रदान किया जाएगा। तेरापंथ युवक परिषद् की ओर से इस वर्ष प्रदान किए जाने वाले पुरस्कारों की भी घोषणा कार्यक्रम के दौरान की गई। आचार्य महाप्रज्ञ प्रतिभा पुरस्कार प्रमोद घोडावत व आचार्य महाश्रमण पुरस्कार जयपुर के सुधीर चौरडिया को दिया जाएगा।
रक्तदान शिविर आज
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् व तेरापंथ किशोर मंडल के तत्वावधान में आचार्य महाश्रमण अमृत महोत्सव के द्वितीय चरण में शुक्रवार को केलवा में रक्त दान शिविर आयोजित किया जाएगा। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के सदस्य और शिविर संयोजक डॉ. विमल कावडिया ने बताया कि सुबह नौ बजे से दोपहर तीन बजे तक आचार्यश्री महाश्रमण के प्रवचन पांडाल के पास स्थित का्रॅन्फेन्स हॉल में शिविर आयोजित होगा। केलवा तेयुप के अध्यक्ष विकास कोठारी ने बताया कि इस शिविर में 18 से 55 वर्ष की आयु और 40 किलोग्राम से अधिक वजन वाले स्त्री-पुरूष रक्तदान कर सकेगा। तेयुप मंत्री लक्की कोठारी ने बताया कि तेरापंथ युवक परिषद् के विशेष सहयोग से आयोजित होने वाले इस शिविर में भीलवाडा, गंगापुर, ब्यावर, भीम, देवगढ, राजसमंद, केलवा, उदयपुर, सरदारगढ, दिवेर, नाथद्वारा, आमेट, रेलमगरा, शिशोदा, चित्तौडगढ और आसींद आदि युवक परिषद् की सहभागिता रहेगी।
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