युवा मामले एवं खेलमंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री मांगीलाल गरासिया ने कहा कि ग्राम पंचायत को सशक्त बनाने में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी आवश्यक है। जनप्रतिनिधियों की जागरुकता, सहभागिता एवं सहयोग के बिना पंचायतें सशक्त नहीं बन सकेंगी।गरासिया रविवार को पुरानी कलेक्ट्री में आयोजित पंचायतीराज सशक्तिकरण कार्यशाला में जनप्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पांचों विभागों द्वारा जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव एवं भावनाओं के अनुरूप गांवों में विकास कराए जाएंगे। गरासिया ने कहा कि जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच एवं वार्डपंचों को बिना भेदभाव के गांव एवं ढाणी में विकास के नए आयाम के प्रस्ताव ग्रामसभा में रखने होंगे, जहां सर्वसम्मति से प्रस्ताव लिया जाएगा। ग्रामसभा में लिए गए प्रस्ताव के मुताबिक संबंधित विभागों द्वारा कार्रवाई की जाएगी। सांसद गोपालसिंह शेखावत ने कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि को किसी भी विभाग के खिलाफ कोई शिकायत करनी है, तो वे पंचायत समिति के बीडीओ या जिला परिषद के सीईओ को कर सकते हैं। समारोह में राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी, कुंभलगढ़ विधायक गणेशसिंह परमार, कलेक्टर ओंकारसिंह, पुलिस अधीक्षक डॉ. नितिनदीप, जिला परिषद के सीईओ रामपाल शर्मा, एसीईओ हिम्मतसिंह बारहठ सहित कई अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद थे।जनप्रतिनिधि व अधिकारी में समन्वय जरूरी : कलेक्टर ओंकारसिंह ने कहा कि पांचों विभागों को पंचायतीराज में विलय में सरकार का मुख्य उद्देश्य स्वशासन इकाई स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पंचायतीराज को सशक्त बनाने के लिए प्रारंभिक शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, कृषि, सामाजिक न्याय व अधिकारिता, महिला एवं बाल विकास विभाग को पंचायतीराज में शामिल किया है। इसके कार्यों को अंजाम देने के लिए जनप्रतिनिधियों एवं विभागीय अधिकारियों में आपसी सामंजस्य एवं समन्वय आवश्यक है।विभागीय समितियां भंग : जिला परिषद सीईओ रामपाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार के आदेश के मुताबिक जिला, पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत स्तर पर हस्तान्तरित कार्यकलापों से जुड़ी हुई विभागों की समितियां स्वत: निरस्त मानी गई हैं। पंचायत स्तर की विभागीय समिति अब जिला परिषद एवं पंचायत समिति की गठित स्थायी समितियों में समाहित कर दी गई हैं। इसके चलते विभागों की पंचायत स्तर पर गठित समितियां भंग मानी जाएंगी। शहर की तर्ज पर विकास लक्ष्यजिला प्रमुख किशनलाल गमेती ने कहा कि पांच विभागों के पंचायतीराज में मिलने के बाद अब पंचायतों को शहर की तर्ज पर विकास के नए आयाम स्थापित करने होंगे। गांव एवं ढाणी में किसी भी विकास कार्य में कोई समस्या या परेशानी आती है, तो विभागीय अधिकारियों से शिकायत करने की बजाय बीडीओ एवं जिला परिषद के सीईओ को कर सकते हैं।
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