Sunday, August 1, 2010

पर्यटकों से आबाद बाघेरी

सेमा/नाथद्वारा। बाघेरी का नाका रविवार को पर्यटकों से आबाद रहा। आसमान से बरसती रिमझिम फुहारों के बीच पर्यटकों ने बाघेरी पर चल रही ठंडे व निर्मल पानी के चादर में नहाने का भरपूर मजा लिया। पर्वत श्ृंखलाओं के बीच पाल पर छह इंच की चादर चलती रही।
उदयपुर, राजसमंद, रेलमगरा, आमेट, नाथद्वारा सहित विभिन्न शहरों से पहुंचे लोगों ने जमकर मजा किया। सुबह नौ बजे मची रेलमपेल शाम छह बजे तक जारी रही। पर्यटक अपने अपने दुपहियां व चोपहिया वाहनों पर घरों से नाना प्रकार के व्यजंन बनाकर यहां पहुंचे। रिमझिम फुहारों ने पिकनिक का मजा दुगुना कर दिया।
यहां पहुंचे लोगों ने परिजनों के साथ जलधारा के नीचे नहाने का खूब मजा उठाया। कई पर्यटक आस-पास के हरी वादियों में घूमते-फिरते नजर आया। जिसे जहां जगह मिली वहीं झूम के मस्ती की। बांध से गिरती जलराशि में नहाने के लिए कई पर्यटक बनास नदी को पार करते हुए जल्दी-जल्दी रपट के नीचे पहुंचे, जिससे वे फिसल कर घायल हो गए। इनका मचींद स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर इलाज करवाया गया।
मेले सा नजारा
बांध परिसर पर मेले सा नजारा रहा। चाय-पकौडी, पानी पूरी, ठण्डे पेय पदार्थोü की स्टॉलों वालों तो घोडों के मालिकों ने खूब पारिश्रमिक कमाया। वहीं महिलाओं ने भूट्टे व मूंगफली खाने का मजा लिया।
यातायात रहा बाघित
नाथद्धारा से तुला मारूआ तक करीब 50 किलोमीटर सकडे सडक मार्ग पर सैकडों दुपहियां व चोपहिया वाहनों के साथ कतारे रल गईं, जिससे यातायात बाधित रहा।
पुलिस व प्रशासन सर्तक
रविवार की छुट्टी होने से प्रशासन ने माकूल बंदोबस्त कर रखे थे। ग्राम पंचायत प्रशासन ने सहयोग दिया।
अस्यो मेÝो कदी नी देखियो
बांध के नजारे को देखने पहंुचे मचींद निवासी शंकर लाल ने बताया कि बांध पर आज दिन तक ऎसा नजारा कभी नहीं देखा। बांध रो शिलान्यास करने आई सोनिया गांधी के समय भी यहां पर इतनी भीड जमा नही हुई जितनी आज देखी।

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