राजसमंद। शहर के प्रत्येक प्रमुख मार्ग इन दिनों सुबह से शाम तक जय बाबा री, प्रेम से बोलो जय बााबा की, सारे बोलो जय बाबा री, रूणेचा रा धनिया, अजमाल जी रा... आदि जयघोषों एवं गीत गायन व ढोल नगाड़ों के शोर से अटे हुए है। रामदेव यात्रियों का तड़के से शुरू होने वाले स्वर देर रात तक जारी रहते है।जिला मुख्यालय पर इन दिनों बाबा रामदेव की यात्रा के लिए निकले जातरूओं की काफी चहल-पहल है। दिन भर में चित्तौड़, मध्यप्रदेश के नीमच, झावरा, देवास, इंदोर, भोपाल सहित राजस्थान के भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा आदि क्षेत्र के जातरूओं का समूह इसी मार्ग से निकलता है। कई जातरू अपने साथ बाबा रामदेव को परम्परा एवं अपनी मान्यता अनुसार निशान, ध्वज, नेजा, घोडलिया आदि के साथ समूहबद्ध तरीके पैदल-पैदल निकल रहे है। वहीं जिला मुख्यालय के समीपवर्ती गांवों से भी जातरूओं के जाने का दौर शुरू हुआ है। जब भी जातरू बाबा की जय-जयकार करते हुए यहां से निकलते हैं तो वातावरण धर्ममय हो जाता है। श्रद्धालुओं के यहां से निकलने का सिलसिला गुरवार को भी जारी रहा।जगह-जगह लगे राम रसोड़ा : बाबा रामदेव की ओर यात्रा करने वाले जातरूओं की सुविधार्थ जिला मुख्यालय सहित राष्ट्रीय राजमार्ग एवं विभिन्न गांवों में समाजसेवियों एवं धर्म परायण लोगों ने राम रसोड़ा शुरू किया हुआ है। इन राम रसोड़ों में जारूतओं को निशुल्क जलपाल, भोजन एवं विश्राम की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। राम रसोड़ों के समीप से गुजरने वाले पदयात्रियों को मान मनुहार के साथ भोजन व जलपान ग्रहण भी करवाया जा रहा है।गांवों से निकले दल : समीपवर्ती कानादेव का गुढ़ा गांव के ढींकला की भागल से बुधवार को क्षेत्र में पर्याप्त वर्षा की कामना को लेकर मुम्बई प्रवासी अम्बालाल सालवी, खेमराज सालवी, नरेश, हिम्मत लाल, लक्ष्मणलाल, किशन लाल सालवी के नेतृत्व में पदयात्रियों का दल निकला। इधर पीपरड़ा भट्टे से अखिल कालबेलिया संघ के प्रदेश अध्यक्ष शंकरनाथ नंगाणी के नेतृत्व में 101 पदयात्रियों का दल गाजे-बाजे के साथ रवाना हुआ। नंगानी ने बताया कि संघ की ओर से यह 19 वीं पद यात्रा है।
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