कुंभलगढ। समीपवर्ती बडगांव ग्राम पंचायत में पिछले करीब एक वर्ष से महानरेगा में कार्य कर चुके दो दर्जन मजदूरों की मजदूरी अधरझूल में है। आलम यह कि चिलचिलाती धूप में कार्य करने के बाद भी मजदूर मजदूरी लेने के लिए बैंक, ग्राम पंचायत व सचिव के पास धक्के खा रहे हैं। यही नहीं, वे भुगतान के लिए विधायक, विकास अधिकारी, उपखण्ड अधिकारी, सरपंच व सचिव सहित कई जगह धक्के खाने के बाद थके-हारे पीडितों ने सोमवार को जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंप न्याय की गुहार लगाई है।
ग्राम पंचायत बडगांव के सभी पीडितों ने सहायक सचिव पर गंभीर अनियमितता बरतने के आरोप लगाए हैं। उन्होने बताया कि सहायक सचिव अर्जुनलाल ने कई मजदूरों से नरेगा में कार्य दिलाने की एवज मे 250 रूपए का बीमा करने का दबाव बनाया व सैकडों मजदूरों से पैसा वसूल करने के बाद भी अभी तक उनको पॉलिसी नहीं दी है। बडगांव के सवलसिंह ने बताया कि गांव के करीब चार दर्जन मजदूर उसके पास आए, जिन्होंने लिखित में जिला कलक्टर को इस बात की शिकायत की है।
वहीं बडगांव की डालीबाई के फरवरी 2010 के एक सप्ताह के व नानीबाई के सत्रह दिन के, मंजूकुमारी के जनवरी के सत्रह दिन व मांगली के बारह दिन के, सायरी बाई के जनवरी के तेरह दिन के, मोवनी बाई व दलाराम मेघवाल के मई 2009 के 36 दिन व 35 दिन के, परताजी खटीक नवम्बर 2009 के पन्द्रह दिन के व भूरकी बाई के बारह दिन व सवलसिह के बारह दिन के, नारूबाई व केसरी बाई के जुलाई 2009 के तेरह-तेरह दिन का पारिश्रमिक बकाया है।
सवलसिंह ने बताया कि सत्रह नवम्बर को श्मशान घाट रास्ता निर्माण पर कार्य किया था, लेकिन अब तक उसका भुगतान नहीं किया गया। गांव की फेंफलीबाई ने बताया कि उसके साल 2008 के 97 दिन का भुगतान बकाया है। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर वह कई बार सरपंच, सचिव, सहायक सचिव व बैंक के चक्कर काट चुकी है, लेकिन सब आश्वासन ही देते हैं। भुगतान कोई नहीं करता।
ग्राम पंचायत बडगांव के सभी पीडितों ने सहायक सचिव पर गंभीर अनियमितता बरतने के आरोप लगाए हैं। उन्होने बताया कि सहायक सचिव अर्जुनलाल ने कई मजदूरों से नरेगा में कार्य दिलाने की एवज मे 250 रूपए का बीमा करने का दबाव बनाया व सैकडों मजदूरों से पैसा वसूल करने के बाद भी अभी तक उनको पॉलिसी नहीं दी है। बडगांव के सवलसिंह ने बताया कि गांव के करीब चार दर्जन मजदूर उसके पास आए, जिन्होंने लिखित में जिला कलक्टर को इस बात की शिकायत की है।
वहीं बडगांव की डालीबाई के फरवरी 2010 के एक सप्ताह के व नानीबाई के सत्रह दिन के, मंजूकुमारी के जनवरी के सत्रह दिन व मांगली के बारह दिन के, सायरी बाई के जनवरी के तेरह दिन के, मोवनी बाई व दलाराम मेघवाल के मई 2009 के 36 दिन व 35 दिन के, परताजी खटीक नवम्बर 2009 के पन्द्रह दिन के व भूरकी बाई के बारह दिन व सवलसिह के बारह दिन के, नारूबाई व केसरी बाई के जुलाई 2009 के तेरह-तेरह दिन का पारिश्रमिक बकाया है।
सवलसिंह ने बताया कि सत्रह नवम्बर को श्मशान घाट रास्ता निर्माण पर कार्य किया था, लेकिन अब तक उसका भुगतान नहीं किया गया। गांव की फेंफलीबाई ने बताया कि उसके साल 2008 के 97 दिन का भुगतान बकाया है। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर वह कई बार सरपंच, सचिव, सहायक सचिव व बैंक के चक्कर काट चुकी है, लेकिन सब आश्वासन ही देते हैं। भुगतान कोई नहीं करता।
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