Monday, September 6, 2010

गंदगी की मार

राजसमंद। जिला मुख्यालय पर शहरवासियों की उत्तम सेहत का जिम्मा नगर पालिका के पास है लेकिन वह उपलब्ध कर्मचारियों की फौज को नजरअंदाज कर रिक्त पदों के नाम पर जिम्मेदारी से पल्ला झाड रही है। यह भी तब है जब यहां के सफाईकर्मियों को मासिक 15 लाख से अधिक तनख्वाह चुकाई जा रही है। हाल यह कि संस्थापन शाखा के रिकॉर्ड में इंद्राज जिन सफाईकर्मियों को मासिक लाखों रूपए वेतन चुकाया जाता है, वे शहर में कहीं नजर नहीं आते। रिक्त पदों को छोड दिया जाए, तब भी यहां तनख्वाह लेने वाले सौ से अधिक सफाईकर्मी हैं।
पालिका के अधीन शहर को 30 वार्डो में बांटा गया है। यूं तो इनमें एक-दो ही वार्ड ऎसे हैं जहां जन जागरूकता की वहज से सडकें साफ और गलियां सुथरी नजर आती हैं। बस, इसी आड में सफाईकर्मियों को लाखों का भुगतान किया जाता है। 'सैयां भए कोतवाल तो डर काहे का' की तर्ज पर पालिका के कर्ताधर्ता भी सफाईकर्मियों के काम व काम की गुणवत्ता की जांच नहीं करते।


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