Thursday, September 2, 2010

मजाक बन गई 'सरपंच'

कुंभलगढ । कुंभलगढ की गवार ग्राम पंचायत में घूंघट की ओट में पहुंची सरपंच और उसके पद की गरिमा को सरकारी मुलाजिमों ने मजाक बनाकर रख दिया। मौका था ग्रामसभा में सामाजिक अंकेक्षण का। वहां पहुंचने वाले सरकारी अधिकारियों सहित सरपंच व खास जनप्रतिनिधियों के लिए कुर्सियां रखी गई थी लेकिन अधिकारियों ने सरपंच सहित तमाम जन प्रतिनिधियों को दरकिनार कर खुद कुर्सियों पर कब्जा कर लिया। यही नहीं, सरपंच सहित तमाम खास ओहदा रखने वाले जन प्रतिनिधियों को इन सरकारी मुलाजिमों ने सबसे पीछे की ओर अंतिम पंक्ति में जमीन पर बिठा दिया। हालांकि कोरम को पूरा मानकर सरपंच के बिना हस्तक्षेप के कार्रवाई पूरी कर ली गई।
निर्धारित समय पर प्रभारी अधिकारी डॉ. देवेन्द्र कुमार की मौजूदगी में ग्राम सभा शुरू हुई। हिस्सा लेने सरपंच मीरादेवी भी पहुंचीं। वह लोक-लिहाज के चलते घूंघट की ओट में पहुंचीं। ग्रामसभा में हिस्सा लेने उपसरपंच बिशनसिंह राजावत, ग्राम सचिव मनोहरसिंह, पटवारी राकेश मीणा, कृषि पर्यवेक्षक भगवंतसिंह, वनपाल अर्जुनलाल पुरोहित व रोजगार सहायक सुनीता आदि पहुंचे।

मेल नर्स अतुल वैष्णव ने ब्योरा पेश किया लेकिन सरकारी कार्मिकों का रवैया देखकर किसी ग्रामीण ने मुंह नहीं खोला। ये कार्मिक सबसे आगे बैठे थे व घूंघट में पहुंची सरपंच मीरा देवी, उपसरपंच राजावत सहित वार्डपंचों और ग्रामीणों को जमीन पर बिछाई गई जाजम पर पीछे बैठा दिया। राजावत ने बीपीएल व स्टेट बीपीएल को अब तक नए कार्ड जारी नहीं होने का मुद्दा उठाया। ग्राम सचिव मनोहरसिंह ने आश्वासन देकर बात को घुमा दिया। कुछ ग्रामीणों ने सांसद मद के कार्यो का चुकारा नहीं होने का मामला उठाया लेकिन बात अनसुनी कर दी गई।

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