Friday, April 2, 2010

विट्ठलनाथ में भी होंगे मनोरथ

नाथद्वारा। पुष्टिमार्गीय वल्लभ सम्प्रदाय की द्वितीय पीठ युगलस्वरूप प्रभु विट्ठलनाथ में भी अधिक मास (पुरूषोत्तम मास) में अलौकिक मनोरथ होंगे। विट्ठलनाथजी मंदिर के अधिकारी ने बताया कि द्वितीय पीठाधीश कल्याणराज महाराज की आज्ञा से 15 अप्रेल को पहले दिन राजभोग में चांदी का पलना व शयन में चांदी के बंगले में विट्ठलनाथजी विराजेंगे। अगले दिन राजभोग में रथयात्रा व शयन में रथ बग्गी, 17 को चूंदडी साज-सज्जा में कांच का बंगला राजभोग में व ठकुरानी तीज का हिण्डोलना शयन में, 18 को षट्ऋतु का मनोरथ राजभोग से शयन तक, 19 को हरि घटा में फल फूल का पलना राजभोग में व बृजांड्गन में मच्यो हिण्डोरो शयन में, 20 को चंदनी घटा में चंदन का बंगला राजभोग में व हिण्डोरा गिरिराजजी की तलहटी शयन में, 21 को गोविंद कुण्ड पर पलना राजभोग व गिरिकन्दरा का मनोरथ शयन में होगा।
22 अप्रेल को कांच की बंगली राजभोग, कांच का हिण्डोरा शयन में, 23 को नंदालय में नंद महोत्सव, राजभोग व तीन बंगले का मनोरथ शयन में, 24 को यमुना पुलिन पर तीन पलना राजभोग में व श्यामघटा में पल्लवित हिण्डोरा (शयन) जगमोहन में, 25 को साखरी खोर में दानगढ मानगढ राजभोग में व शयन में अरी तुम कौन होरी सांझी का मनोरथ, 26 को फल-फूल का पलना राजभोग में व मोरकुटी बगीचे में शयन के समय, 27 को रमण रेती में माखन चोरी राजभोग में व चोसर खेल शयन में, 28 को जरी का बंगला राजभोग में व शरद महारास शयन में, 29 को कदली खम्ब खडी राजभोग में व आंख-मिचौनी का मनोरथ शयन में व 30 अप्रेल को आमरसी घटा में कुंज राजभोग में व आमरसी हिण्डोरा मनोरथ शयन के समय होगा।

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