राजसमन्द जिले के केलवा थाना क्षेत्र के सुमाडिय़ा गांव में मंगलवार रात को दलित की बिंदोली रोक कर दुल्हे को नीचे उतार उसके साथ मारपीट करने का मामला सामने आया। सूचना मिलने पर केलवा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शांतिभंग के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया। वहीं दलित की बिंदोली बुधवार को पुलिस संरक्षण में निकाली गई। इधर इस घटनाक्रम पर दलित समाज के लोगों ने आक्रोश जाहिर किया है। पुलिस के अनुसार सुमाडिया निवासी भैरूलाल पुत्र सोहन लाल सालवी ने रिपोर्ट दी कि उसके भाई पप्पू उर्फ गोपीलाल सालवी की 21 अप्रेल को शादी होनी थी। इस पर 20 अप्रेल की रात नौ बजे घर से बिंदोली निकाली गई। बिंदोली जब गांव के रूप सिंह पुत्र हीर सिंह के घर के सामने से निकल रही थी तब रूप सिंह पुत्र हीरसिंह, गोप सिंह पुत्र हीर सिंह, सज्जन सिंह पुत्र भूप सिंह, इंद्र सिंह पुत्र भूप सिंह व भैरूसिंह पुत्र रूप सिंह वहां आए और उन्होंने बिंदोली निकालने पर अपशब्द कहते हुए दुल्हा गोपीलाल सालवी को नीचे उतारा और उसके सिर से साफा हटा दिया। उस वक्त लोगों ने पांचों को समझाने का प्रयास किया लेकिन पांचों झगड़ा करने पर उतारू हो गए जिससे कई लोगों को चोटें लगी ै। सूचना मिलने पर केलवा थानाधिकारी व पुलिस दल मौके पर पहुंचा और पांचों आरोपियों को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किया। बुधवार को पुलिस अधीक्षक डॉ. नितिन दीप भी मौके पर पहुंचे और घटनाक्रम की जानकारी ली। बाद में पुलिस संरक्षण में गोपीलाल सालवी की बिंदोली निकाली गई। सुमाडिया गांव में एहतियात के तौर पर जाप्ता तैनात कर दिया है। इधर दलित दुल्हे की बिंदोली रोकने व उसके साथ अभद्रता करने की सूचना मिलने पर दलित आदिवासी एवं घुमंतु अधिकार अभियान शाखा के जिला संयोजक सोहन लाल भाटी, रामलाल मीणा, चंद्रेश मीणा, दिनेश पहाडिया, जगदीश बोलीवाल, अम्बालाल सालवी, एडवोकेट हरिशंकर सालवी एवं अन्य कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और पीडि़त परिवार के लोगों से मिले। भाटी एवं प्रतिनिधिमण्डल ने घटनाक्रम की निंदा करते हुए कहा कि दलित वर्ग को इस तरह अपमानित करना मानवाधिकारों का सरे आम उल्लंघन है। उन्होंने प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
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