कुंभलगढ। कुम्भलगढ वन्यजीव अभयारण्य वन क्षेत्र में विचरण करने वाले वन्यजीवो की गणना बुधवार से शुरू होकर दो दिन तक चलेगी। अभयारण्य की चारों रेंज में एक साथ शुरू होने वाली वन्यजीव गणना बुद्ध पूर्णिमा (28-29अप्रेल) की मध्यरात्रि चन्द्रमा की दूधिया रोशनी में अभयारण्य वन क्षेत्र के 155 कृत्रिम व प्राकृतिक वाटर होल पर बने 93 मचान जिन पर बैठे वनकर्मी, गणक व वन्यजीव प्रेमी इस आखों देखी गणना कार्य को पूरा करेंगे।
अरावली पर्वतमाला की तलहटी में राजसंमद, उदयपुर व पाली जिले की सीमा के 610 वर्ग किमी क्षेत्र में चार रेंज क्रमश: उदयपुर की बोखाडा, राजसंमद की कुम्भलगढ एवं पाली की देसूरी व सादडी वन क्षेत्र वाले इस अभयारण्य में विविध प्रजाति के बडी तादाद में वन्यजीव विचरण करते हैं।
इनकी वन विभाग प्रतिवर्ष बुद्ध पूर्णिमा को वाटर होल पद्धति से आखों देखी गणना करता है। गत वर्ष यह गणना नौ मई को 150 वॉटर होल पर पूरी की गई वहीं इस वर्ष भीषण अकाल के बावजूद वन विभाग ने कृत्रिम जलाशय तैयार कर अभयारण्य की चारों रेंज में करीब 155 वाटरहोल पर 93 मचान बनाए जिन पर बैठकर वनकर्मी व गणक कार्य को पूरा करेंगे। वन्यजीव गणना के दौरान अभयारण्य वन क्षेत्र में पर्यटकों के प्रवेश पर पूर्णतया प्रतिबन्ध रहेगा।
यह रहेगा गणना कार्यक्रम
कुंभलगढ-अभयारण्य सहायक वनसंरक्षक मोरध्वजसिंह ने बताया कि अभयारण्य वन क्षेत्र में विचरण करने वाले वन्यजीव की गणना वाटर हॉल पद्धति से होगी। 28-29 अप्रेल के लिए प्रत्येक मचान पर बैठे दो गणक व एक वन्यकर्मी को अलग से प्रपत्र विभाग उपलब्ध कराएगा, जिसमें उनकी देखी गई सूचनाओं का अंकन किया जाएगा। सिंह ने बताया कि गणना कार्य की उदयपुर सम्भाग स्तर पर सीसीएफ एन. सी. जैन, डीएफओ उदयपुर राहुल भटनागर व कुम्भलगढ अभयारण्य वन क्षेत्र के लिए एसीएफ सिंह मॉनिटरिंग करेंगे।
सभी व्यवस्थाएं पूरी
सभी वाटर होल पर पानी व अन्य अन्तरिम व्यवस्थाएं कर दी गई हैं। वन अधिकारी भंवरसिंह चौहान ने बताया कि गणना को लेकर कुंभलगढ रेंज के सभी 64 वाटर होल पर ऊंटों, जीपो व टंैंकरों से यथासंभव पानी भर दिया गया है। आने वाले जानवरों के पग मार्क आसानी से दिख सके, इसलिए वाटर होल के आसपास साफ-सफाई कर दी गई है।
अफवाह से परेशानी
कुंभलगढ (एसं)। कुंभलगढ वन्यजीव अभयारण्य के करीब डेढ सौ हैक्टेयर क्षेत्र में आग लगने की सूचना झूठी अफवाह निकली। सहायक वन संरक्षक एम. डी. सिंह ने बताया कि अफवाह ने वनकर्मियों सहित वन्यजीव गणना में आने वाले गणकों को परेशानी में डाल दिया। मंगलवार को अभयारण्य में छिटपुट आग की घटना के अलावा किसी भी बडी आग की घटना से इनकार कर राठौड ने बताया कि सोमवार रात तक ही मामूली आग पर काबू पा लिया गया था। इससे वन्यजीव गणना कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पडेगा। सभी वन्यपे्रमी आराम से आए।
इनका कहना है
कुंभलगढ अभयारण्य के ढाणा वन खण्ड में सैकडों हैक्टेयर में आग की खबर तथ्यहीन तथा बेबुनियाद है। मंैने किसी को इस प्रकार की बात नहीं कही मोरध्वजसिंह राठौड, सहायक वन संरक्षक
अरावली पर्वतमाला की तलहटी में राजसंमद, उदयपुर व पाली जिले की सीमा के 610 वर्ग किमी क्षेत्र में चार रेंज क्रमश: उदयपुर की बोखाडा, राजसंमद की कुम्भलगढ एवं पाली की देसूरी व सादडी वन क्षेत्र वाले इस अभयारण्य में विविध प्रजाति के बडी तादाद में वन्यजीव विचरण करते हैं।
इनकी वन विभाग प्रतिवर्ष बुद्ध पूर्णिमा को वाटर होल पद्धति से आखों देखी गणना करता है। गत वर्ष यह गणना नौ मई को 150 वॉटर होल पर पूरी की गई वहीं इस वर्ष भीषण अकाल के बावजूद वन विभाग ने कृत्रिम जलाशय तैयार कर अभयारण्य की चारों रेंज में करीब 155 वाटरहोल पर 93 मचान बनाए जिन पर बैठकर वनकर्मी व गणक कार्य को पूरा करेंगे। वन्यजीव गणना के दौरान अभयारण्य वन क्षेत्र में पर्यटकों के प्रवेश पर पूर्णतया प्रतिबन्ध रहेगा।
यह रहेगा गणना कार्यक्रम
कुंभलगढ-अभयारण्य सहायक वनसंरक्षक मोरध्वजसिंह ने बताया कि अभयारण्य वन क्षेत्र में विचरण करने वाले वन्यजीव की गणना वाटर हॉल पद्धति से होगी। 28-29 अप्रेल के लिए प्रत्येक मचान पर बैठे दो गणक व एक वन्यकर्मी को अलग से प्रपत्र विभाग उपलब्ध कराएगा, जिसमें उनकी देखी गई सूचनाओं का अंकन किया जाएगा। सिंह ने बताया कि गणना कार्य की उदयपुर सम्भाग स्तर पर सीसीएफ एन. सी. जैन, डीएफओ उदयपुर राहुल भटनागर व कुम्भलगढ अभयारण्य वन क्षेत्र के लिए एसीएफ सिंह मॉनिटरिंग करेंगे।
सभी व्यवस्थाएं पूरी
सभी वाटर होल पर पानी व अन्य अन्तरिम व्यवस्थाएं कर दी गई हैं। वन अधिकारी भंवरसिंह चौहान ने बताया कि गणना को लेकर कुंभलगढ रेंज के सभी 64 वाटर होल पर ऊंटों, जीपो व टंैंकरों से यथासंभव पानी भर दिया गया है। आने वाले जानवरों के पग मार्क आसानी से दिख सके, इसलिए वाटर होल के आसपास साफ-सफाई कर दी गई है।
अफवाह से परेशानी
कुंभलगढ (एसं)। कुंभलगढ वन्यजीव अभयारण्य के करीब डेढ सौ हैक्टेयर क्षेत्र में आग लगने की सूचना झूठी अफवाह निकली। सहायक वन संरक्षक एम. डी. सिंह ने बताया कि अफवाह ने वनकर्मियों सहित वन्यजीव गणना में आने वाले गणकों को परेशानी में डाल दिया। मंगलवार को अभयारण्य में छिटपुट आग की घटना के अलावा किसी भी बडी आग की घटना से इनकार कर राठौड ने बताया कि सोमवार रात तक ही मामूली आग पर काबू पा लिया गया था। इससे वन्यजीव गणना कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पडेगा। सभी वन्यपे्रमी आराम से आए।
इनका कहना है
कुंभलगढ अभयारण्य के ढाणा वन खण्ड में सैकडों हैक्टेयर में आग की खबर तथ्यहीन तथा बेबुनियाद है। मंैने किसी को इस प्रकार की बात नहीं कही मोरध्वजसिंह राठौड, सहायक वन संरक्षक
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