भीम। यूं तो नियमों में सारे प्रावधान हैं लेकिन अगर नियमों की पालना की जाए तो फिर बात ही क्या है। विद्युत निगम के नियम कायदों में नागरिक सुरक्षा को लेकर बनाए गए नियमों में विद्युत लाइनों व निर्माण स्थलों में पर्याप्त दूरी रखने का प्रावधान है जिससे जान-माल को खतरा पैदा न हो। अफसोस कि नियमों को नजरअंदाज किए जा रहे निर्माण व अतिक्रमण इन नियमों का मखौल उडाते प्रतीत होते हैं।
यह होनी चाहिए दूरीअधिनियम मे वर्णित धाराओं के अनुसार 650 वॉल्टेज वाली विद्युत लाइनों से निर्माण की समानान्तर तथा लम्बवत दूरी क्रमश: 1.12 मीटर तथा 2.5 मीटर होनी चाहिए। इसी प्रकार 11 केवी की लाइनों से यह दूरी 1.2 मीटर तथा 3.7 मीटर, 33 केवी की लाइनों से दूरी 2 मीटर तथा 3.7 मीटर, 132 के.वी. की लाइनों से दूरी 2.9 मीटर तथा 4.6 मीटर, 220 के.वी. की लाइनो से दूरी 3.8 मीटर तथा 5.5 मीटर तथा 400 के.वी. की लाइनों की दूरी 5.6 मीटर तथा 7.3 मीटर होनी चाहिए।
उपेक्षा ने बढाए खतरेगांव-कस्बों तथा शहरो में होने वाले अतिक्रमणों ने निर्माण स्थल व विद्युत लाइनों की दूरी को हटा दिया है। भीम कस्बे के गली-मोहल्लों तथा बाजारों मे 3 से 8 मीटर की खम्भों से समानान्तर दूरी पर बने आवास तथा व्यापारिक स्थल की दूरी कई जगह पर आधे से एक मीटर तक हो गई है। नए निर्माण के दौरान लम्बवत दूरी की कई जगह उपेक्षा भी नजर आती है। यह केवल भीम में ही नहीं, बल्कि अन्य कई शहरों और कस्बों मे भी हो रहा है। तेज हवा या तूफान के दौरान तारों के टकराने से निकली चिंगारियां तारो के टकराने से आने वाले करंट तथा तारो के टूटकर परिसर में गिरने से जान-माल की भयंकर क्षति हो सकती है। नागरिक सुरक्षा के लिए विभाग की प्रक्रिया पूरी करने तथा विद्युत लाइनें हटाने के लिए उपभोक्ता के जमीन उपलब्ध करवाने पर असुरक्षित लाइनो को सुरक्षित स्थानो पर स्थानान्तरण करने का भी प्रावधान है।
सचिव ने दिए थे निर्देशवर्ष 2004 में तत्कालीन शासन सचिव, विद्युत, वीएस सिंह ने जिला राज्य के कलक्टरों को परिपत्र भेजकर अधिनियम की धाराओं का उल्लंघन कर किए जा रहे निर्माण रोकने के निर्देश दिए थे, लेकिन इसकी अनुपालना हुई या नहीं यह वर्तमान में किए गए निर्माणों को देखकर ही पता चल जाता है।
सुरक्षा नियमो का उल्लंघन कर किए गए निर्माणों को नोटिस देकर हटवाने का अधिकार विभाग के पास है। उल्लंघन की अवस्था में प्राथमिकी दर्ज करा उसे हटाने का भी प्रावधान है। लेकिन यह भी सही है कि इनकी पूरी पालना नहीं हो पा रही है। आरआर भाटी, सहायक अभियन्ता, एवीवीएनएल
यह होनी चाहिए दूरीअधिनियम मे वर्णित धाराओं के अनुसार 650 वॉल्टेज वाली विद्युत लाइनों से निर्माण की समानान्तर तथा लम्बवत दूरी क्रमश: 1.12 मीटर तथा 2.5 मीटर होनी चाहिए। इसी प्रकार 11 केवी की लाइनों से यह दूरी 1.2 मीटर तथा 3.7 मीटर, 33 केवी की लाइनों से दूरी 2 मीटर तथा 3.7 मीटर, 132 के.वी. की लाइनों से दूरी 2.9 मीटर तथा 4.6 मीटर, 220 के.वी. की लाइनो से दूरी 3.8 मीटर तथा 5.5 मीटर तथा 400 के.वी. की लाइनों की दूरी 5.6 मीटर तथा 7.3 मीटर होनी चाहिए।
उपेक्षा ने बढाए खतरेगांव-कस्बों तथा शहरो में होने वाले अतिक्रमणों ने निर्माण स्थल व विद्युत लाइनों की दूरी को हटा दिया है। भीम कस्बे के गली-मोहल्लों तथा बाजारों मे 3 से 8 मीटर की खम्भों से समानान्तर दूरी पर बने आवास तथा व्यापारिक स्थल की दूरी कई जगह पर आधे से एक मीटर तक हो गई है। नए निर्माण के दौरान लम्बवत दूरी की कई जगह उपेक्षा भी नजर आती है। यह केवल भीम में ही नहीं, बल्कि अन्य कई शहरों और कस्बों मे भी हो रहा है। तेज हवा या तूफान के दौरान तारों के टकराने से निकली चिंगारियां तारो के टकराने से आने वाले करंट तथा तारो के टूटकर परिसर में गिरने से जान-माल की भयंकर क्षति हो सकती है। नागरिक सुरक्षा के लिए विभाग की प्रक्रिया पूरी करने तथा विद्युत लाइनें हटाने के लिए उपभोक्ता के जमीन उपलब्ध करवाने पर असुरक्षित लाइनो को सुरक्षित स्थानो पर स्थानान्तरण करने का भी प्रावधान है।
सचिव ने दिए थे निर्देशवर्ष 2004 में तत्कालीन शासन सचिव, विद्युत, वीएस सिंह ने जिला राज्य के कलक्टरों को परिपत्र भेजकर अधिनियम की धाराओं का उल्लंघन कर किए जा रहे निर्माण रोकने के निर्देश दिए थे, लेकिन इसकी अनुपालना हुई या नहीं यह वर्तमान में किए गए निर्माणों को देखकर ही पता चल जाता है।
सुरक्षा नियमो का उल्लंघन कर किए गए निर्माणों को नोटिस देकर हटवाने का अधिकार विभाग के पास है। उल्लंघन की अवस्था में प्राथमिकी दर्ज करा उसे हटाने का भी प्रावधान है। लेकिन यह भी सही है कि इनकी पूरी पालना नहीं हो पा रही है। आरआर भाटी, सहायक अभियन्ता, एवीवीएनएल
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