Saturday, November 8, 2008

अधिकारियों का प्रशिक्षण सैद्धान्तिक व प्रायोगिक दोनो जरूरी - जैन

राजसमन्द। किसी भी महत्वपूर्ण कार्यक्रम के लिए जहा दो प्रक्रिया हो वहा सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक जानकारी का दक्षतापूर्ण प्रशिक्षण आवश्यक है।
यह बात जिला निर्वाचन अधिकारी (कलक्टर) नवीन जैन ने शनिवारको विधानसभा आम चुनाव को लेकर कांकरोली के स्वास्तिक टॉकिज में आमेट तथा भीम तहसील क्षेत्र के शेष रहे पीठासीन एवं मतदान अधिकारियों के आयोजित प्रथम प्रशिक्षण कार्यक्रम में कही।
उन्होने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के अनुसार चुनाव कार्य के प्रशिक्षण की महत्ता को देखते हुए इस बार तीन प्रशिक्षण तय किए है। जिसका मकसद चुनाव प्रक्रिया की समस्त जानकारी के साथ मतदान में प्रयुक्त होने वाली इलेक्ट्रोनिक वोटिग मशीन को चुनाव पूर्व सैद्धान्तिक एवं संचालन की दृष्टि से प्रायोगिक तौर पर सही जानकारी हो जाए।
उन्होने कहा कि चुनाव के दौरान सभी नियम/कायदें निर्वाचन आयोग के चलते है जिनकी पालना हर उस व्यक्ति को निष्पक्ष एवं निष्ठा से निभानी जरूरी है। इसमें कर्तव्य परायणता आवश्यक है। चुनावी कार्य को गंभीरता से लेकर इसे सुव्यवस्थित सम्पन्न कराए।
प्रशिक्षण में उप जिला निर्वाचन अधिकारी बीएलण्मेहरडा ने कहा कि शांतिपूर्ण एवं निर्भय होकर मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करें। इसके लिए निर्वाचन आयोग ने दिशा निर्देशों के साथ सभी आवश्यक उपाय भी सुनिश्चित किए है। इसमें पीठासीन अधिकारी की भूमिका बूथ पर महत्वपूर्ण है वे अपने दल के साथ समन्वय के साथ प्रावधानों की पालना करें।
इस अवसर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने प्रशिक्षण के मुख्य बिन्दुओं पर विस्तार से जानकारी दी। जबकि जेड बी मिर्जा ने उनके कर्तव्य एवं दायित्व निवहन से प्रशिक्षणार्थियों को अवगत कराया। प्रशिक्षण का संयोजन त्रिलोकी मोहन पुरोहित एवं मनोहरगिरी गोस्वामी ने किया।

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