आचार्य श्री महाश्रमण की शिष्या साध्वी सरलप्रभा ने 32 दिनो का उपवास कर केलवा चातुर्मास में एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। साध्वी ने 32 दिनों तक पानी के सिवाय कुछ भी ग्रहण नही किया। उन्होने इस तपस्या को करने में आचार्य महाश्रमण के आशीर्वाद को शक्ति प्रदापक माना साध्वी सरलप्रभा इस तपस्या के अवसर तप अनुमोदन का कार्य कर्म चला। इसमें आचार्य श्री महाश्रमण ने कहा कि जिसमें आत्म बल,प्रेरणा बल होता है वही ऐसी तपस्या कर सकता है। साध्वी सरलप्रभा ने इतनी बडी तपस्या का बहुत महत्वपूर्ण काम किया है,यह साध्ुवाद की पात्र है।
इस मौके पर साध्वी नित प्रभा ने साध्वी की तपस्या पर कहा कि साध्वी सरलप्रभा ने नाम के अथ विपरित कठिन कार्य किया है। साध्वी प्रज्ञा श्री ने साध्वी की तपस्या को आचार्य श्री महाश्रमण अमृत महोत्सव के अवसर पर पंचाचार की साधना में तपराधना का उदाहरण बताया,सरोज देवी कोधरा,सरिता देवी बोरढ,मुक्ति मण्डल केलवा एवं साध्वी के संस्कारीत परिवार के सदस्यो ने गीतो के द्वारा तत्प अनुमोदना की आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष महेन्द कोठारी नें कहा कि जहॉ अनहार करने वाले दो चार दिनों में हि अस्वाध हो जाते है,नही साध्वी सरलप्रभा नें 32 दिनों की तपस्या कर विलक्षण काम किया है,मुनि प्रशन्न कुमार नें तपस्या करने की प्रेरणा दी ।
इस मौके पर साध्वी नित प्रभा ने साध्वी की तपस्या पर कहा कि साध्वी सरलप्रभा ने नाम के अथ विपरित कठिन कार्य किया है। साध्वी प्रज्ञा श्री ने साध्वी की तपस्या को आचार्य श्री महाश्रमण अमृत महोत्सव के अवसर पर पंचाचार की साधना में तपराधना का उदाहरण बताया,सरोज देवी कोधरा,सरिता देवी बोरढ,मुक्ति मण्डल केलवा एवं साध्वी के संस्कारीत परिवार के सदस्यो ने गीतो के द्वारा तत्प अनुमोदना की आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष महेन्द कोठारी नें कहा कि जहॉ अनहार करने वाले दो चार दिनों में हि अस्वाध हो जाते है,नही साध्वी सरलप्रभा नें 32 दिनों की तपस्या कर विलक्षण काम किया है,मुनि प्रशन्न कुमार नें तपस्या करने की प्रेरणा दी ।
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