Wednesday, August 10, 2011

आलोक में महाराणा प्रताप साहित्यिक सप्ताह का आगाज

आलोक विद्यालय (ALOK VIDHYALAY RAJSAMAND) में महाराणा प्रताप साहित्यिक सप्ताह का आगाज महाराणा प्रताप सभागार में प्रशासक मनोज कुमावत व प्राचार्य सुनील त्रिपाठी के द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन से हुआ।

प्राचार्य सुनील त्रिपाठी ने बताया कि इस साहित्यिक सप्ताह के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार की साहित्यिक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। प्रतियोगिता के पहले दिन कक्षा पहली से पांचवी तक महान व्यक्तित्व पर आधारित जीवन परिचय व प्रेंरणास्पद घटना पर प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें रामायण, पुराण, उपनिषद, गीता, पंचतंत्रा व वेद सदनों से विद्यार्थियों ने भाग लिया। विद्यार्थियों ने सरदार पटेल, महाराणा प्रताप, शिवाजी, सुभाषचंद्र बोस, राजाराममोहन रॉय, व ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जैसे महान व्यक्तित्व पर अपने विचार प्रकट किए। इन प्रतियोगिता में प्रथम उर्वशी त्रिपाठी पुराण, द्वितीय अमिषा बाबेल गीता, व तृतीय विश्वास वेद सदन रहे।


कक्षा छठी से बारहवी तक महाराणा प्रताप के महान जीवन संबंधित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता प्रताप सभागार में आयोजित की गई। इसमें रामायण, पुराण, उपनिषद, गीता, पंचतंत्रा व वेद सदनों से विद्यार्थियों ने भाग लिया। महाराणा प्रताप के जीवन से संबंधित प्रश्नो के उत्तर विद्यार्थियों ने बडे उत्साह व मनोयोग से दिए। प्रथम स्थान पंचतंत्रा व गीता सदन, द्वितीय स्थान उपनिषद सदन व तृतीय स्थान वेद व पुराण ने प्राप्त किया।


इस अवसर पर प्राचार्य सुनील त्रिपाठी ने बताया कि हमें महाराणा प्रताप के त्यागमय जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। मेवाड के प्रथम स्वतंत्राता सैनानी महाराणा प्रताप ने अपनी आन बान की रक्षा के लिए अपने जीवन के समस्त प्रकार के वैभवों को ठुकराया। अधीनता स्वीकार ने करते हुए हमेशा आजादी के लिए संघर्ष करते रहे। इससे प्रेरित होकर हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु समस्व प्रकार की सुख सुविधाओं की तरफ ध्यान न देकर निरंतर मेहनत व संघर्ष करते रहना चाहिए।



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