Saturday, August 13, 2011

पार्टी नहीं, राष्ट्र रहे नम्बर एक-आचार्य महाश्रमण


शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के समागम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के सामने राष्ट्रीय एक नम्बर पर रहना चाहिए, पार्टी नहीं। जब पार्टी नम्बर एक होती है तो राष्ट्र हितों का लक्ष्य धूमिल हो सकता है। उन्होंने आर.एस.एस की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि मैं संघ की व्यवस्थाओं से बहुत प्रभावित हूं। अनुशासन बद्धता है और राष्ट्रभक्ति के संस्कार दिये जाते है।
आचार्य श्री ने कार्यकर्ताओं की कसौटियों के सन्दर्भ में चर्चा करते हुए कहा कि जो कार्य करता है वह कार्यकर्ता होता है, पर अपने लिए नहीं दूसरों के लिए कार्य करता है वह इस श्रेणी में आता है। दूसरों की सेवा करता है, उपकार करता है ऐसे कार्यकर्ताओ के भीतर सबसे पहले जरूरी है सेवा भावना हो। उसके बाद जरूरी है उसमें सहिष्णुता हो। सेवा करते हुए हो सकता है अनेक सम्मान, पुरस्कार मिल जाये और हो सकता है अपमान भी मिल जाये। इस मान अपमान की स्थितियों को सहन करना अपेक्षित होता है। कार्यकर्ता के लिए तीसरी बात जरूरी है विनम्रता। विनम्रभाव से पेश आना चाहिए। उदंडता नहीं होनी चाहिए। चौथी बात है दक्षता। कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में अपने कार्यों में दक्षता का परिचय दें। योग्यता का विकास करें। इस सबके साथ सर्वोपरी है नैतिकता का होना। अणुव्रत आन्दोलन के माध्यम से आचार्य तुलसी ने भारत की पद यात्रा कर नैतिकता का सन्देश जन-जन तक पहुंचाया था। इन गुणों को हम अपने आप में विकसित करने का प्रयास करें। जब हमारे से सुधार की बात प्रारम्भ होगी तो समाज अपने आप सुधार पर पहुंच जायेगा। व्यक्ति समाज का ही हिस्सा होता है। जब समाज सुधरेगा तो राष्ट्र भी स्वयं सुधर जायेगा।
आचार्य श्री महाश्रमण ने कहा कि व्यक्ति में अनुकम्पा की चेतना का विकास हो, यह जरूरी है। समाज में लौकिक अनुकंपा जरूरी है ना अध्यात्म की दृष्टि से लोकोŸार अनुकम्पा। उन्होंने कहा कि बड़े हितों के आगे छोटे हितों को गोण कर देना चाहिए।


प्रथम सन्देश: कन्या भू्रण हत्या रोके
आचार्य श्री महाश्रमण ने अपने संबोधन में सबसे पहला सन्देश कन्या भू्रण हत्या रोकने का सन्देश किया। उन्होंने कहा कि आज रक्षाबंधन का पर्व है। भाई-बहिन के मधुर संबंधों को पुष्टि करने वाला उत्सव है। मैं कन्या भू्रण हत्या की बात काफी सुनता हूं। अगर इस तरह का घिनोना कृत्य होता रहेगा तो बहिन का रिश्ता कहां से लाएंगे। हम अपनी यात्रा में भू्रण हत्या न करने का सन्देश देते है और इस सन्दर्भ में कार्य चल रहा है। सब संकल्प करें कि ऐसा घिनोना कार्य नहीं करेंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं को ऐसा वातावरण बनाने की प्रेरणा दी जिससे देश में स्वर्ग उतर आये।

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