विद्यार्थी वर्ग अपने जीवन में इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि वह कभी भी कुसंगत वाले संगी-साथियों के साथ मेलजोल न बढाएं। इसके परिणाम स्वयं के लिए घातक साबित हो सकते है। साथियों से अच्छी संगति मिलेगी तो उसके फल भी अच्छे आएंगे। जीवन में व्यसन, बुराईयों का आगमन नहीं होगा। कॉलेज जीवन में खराब संस्कार आने की संभावना जताते हुए आचार्य ने प्रवचन स्थल पर उपस्थित विद्यार्थियों से जीवन में कभी भी नशा नहीं करने, शराब का सेवन नहीं करने और मांसाहार का सेवन नहीं करने का संकल्प दिलाया।
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