Monday, August 22, 2011

राजसमन्द भी अन्ना क्रांति के समर्थन में पूरी तरह कूद पड़ा


राजसमन्द I भ्रष्टाचार का जड़मूल से खात्मा करने के संकल्प के साथ अब राजसमन्द भी अन्ना क्रांति के समर्थन में पूरी तरह कूद पड़ा है। शनिवार को स्वयंसेवी संगठनों ने स्वैच्छिक बंद का आह्वान किया जो सफल रहा हालाकि बाजारों में सोमवार का साप्ताहिक अवकाश होने से अधिकांश दुकानें तो वैसे ही बंद थी लेकिन आम तौर पर सोमवार को अवकाश के दिन भी खुली रहने वाली छोटी मोटी दुकानें भी पूरी तरह बंद रहने से बंद पूर्णतया सफल रहा। शहर ही नहीं आसपास के क्षेत्र में बंद का व्यापक असर देखा गया। इस दौरान भ्रष्टाचार के विरोध एवं अन्ना क्रांति के समर्थन में जिला मुख्यालय पर निकली महारैली में अन्ना समर्थकों का सैलाब उमड़ पड़ा। चहुंओर अन्ना टोपी पहने समर्थक दिखाई दिए और खास बात यह कि ये लोग स्वैच्छा से रैली में पहुंचे और सभी में भ्रष्टाचार के खिलाफ जबर्दस्त आक्रोश था।
जन लोकपाल सत्याग्रह समिति के साथ विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं ने आमजन से अन्ना के आंदोलन को समर्थन करने की अपील की थी। इसके तहत सुबह से ही चाय, पान के केबिन, होटल, रेस्टोरेंट सहित सभी छोटी मोटी दुकानें बंद थी। इस दौरान सुबह करीब 10 बजे राजनगर सर्कल से रैली प्रारम्भ हुई जिसमें शहर के सभी क्षेत्रों के अलावा विभिन्न गांवों से आए लोग शामिल हुए। केलवा क्षेत्र से कई मार्बल खदान मालिक एवं अन्य लोग भी पहुंचे। रैली में सैकड़ों दुपहिया वाहनों पर अन्ना समर्थक सवार थे तो कई ऑटोरिक्शा और अनेक चार पहिया वाहनों पर सवार लोग अपने सर पर अन्ना टोपी पहने हुए थे। कई संगठनों के सैकड़ों पदाधिकारी पीछे की ओर पैदल ही चल रहे थे। अधिकांश समर्थकों के हाथों में तिरंगे लहरा रहे थे तो शेष लोग अपने हाथों में भ्रष्टाचार और केन्द्र सरकार विरोधी नारे लिखी तख्तियां थामे हुए थे। चारों ओर अन्ना तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ है, मैं भी अन्ना तू भी अन्ना-सारा देश है अन्ना, भारत छोड़ो भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार हाय हाय, सोनिया गांधी हाय हाय, मनमोहन हाय हाय आदि के गगनभेदी नारे लगाते हुए अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे थे। रैली मुख्य मार्गो पर होते हुए जलचक्की तिराहा पहुंची जहां दूसरी ओर से पहुंची ग्रामीणों की वाहन रैली से समागम हुआ। आमने सामने से दो रैलियों के समागम के दौरान पूरा जलचक्की तिराहा अन्ना समर्थकों से अट गया और इस दौरान जन सैलाब के कारण अनोखा नजारा पेश हुआ।
जलचक्की पर करीब 15 मिनट तक जमकर नारेबाजी हुई और वंदे मातरम, इंकलाब जिन्दाबाद के नारे लगाए गए। यहां से भी बड़ी संख्या में और लोग मुख्य महारैली में शामिल हो गए जबकि मुखर्जी चौराहे की ओर से आई रैली नाथद्वारा रोड़ एवं सौ फिट रोड़ होते हुए आगे निकली। इधर महारैली बस स्टेण्ड और चौपाटी पहुंची और इन दोनों जगहों पर भी जमकर प्रदर्शन किया गया। बाद में जेके मोड़ होकर मुखर्जी चौराहा और फिर वहां से मुख्य मार्ग पर होते हुए निकली। रैली में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी शामिल थे।


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