आचार्य श्री महाश्रमण ने कहा कि देश का नेतृत्व करने वाला, शासन करने वाला नैतिक एवं ईमानदार होना चाहिए। मेरे सामने बच्चे है, भविष्य में कोई बच्चा ही तो बड़ा होकर देश का नेतृत्व करेगा। जब भावीपीढ़ी में नैतिकता के प्रति निष्ठा होगी, ईमानदारी में विश्वास होगा और कार्य क्षमता हो तो भविष्य उज्जवल होगा। उन्होंने कहा कि राजनीति में जाना बूरी बात नहीं है। उसमें चरित्र की मूल्यवता बनी रहे, भ्रष्टाचार को मूल्य न दें इस बात की अपेक्षा है।
इससे पूर्व मंत्री मुनि सुमेरमल ने सभा को संबोधित किया। मुनि किशनलाल ने बालकों के जीवन में धैर्य सहनशीलता एवं ग्रहणशीलता को जरूरी बताया। मुनि महावीरकुमार ने ‘‘श्रेष्ठ बालक वह सुगुणों का जो अमीर भण्डार है’’.... गीत को प्रस्तुत किया। आलोक स्कूल की छात्रा हिनल सांखला ने स्कूल की गतिविधियों की जानकारी दी। प्रधानाचार्य त्रिपाठी ने आचार्य महाश्रमणजी द्वारा मिले अमूल्य समय के लिए आभार जताया। छात्र गौरव गुंदेचा ने गीत प्रस्तुत किया। संचालन मुनि मोहजीतकुमार ने किया। कार्यक्रम के पश्चात मुनि किशनलाल ने जीवन विज्ञान का प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान किया।
तेरापंथी सभा प्रतिनिधि सम्मेलन आज से
सम्पूर्ण देश से 650 प्रतिनिधि भाग लेंगे
तेरापंथ धर्मसंघ की सर्वोच्च संगठनात्मक संस्था तेरापंथी महासभा के द्वारा त्रिदिवसीय तेरापंथी सभा प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन आचार्य श्री महाश्रमण के सान्निध्य में आज प्रातः 9.30 बजे प्रारम्भ होगा। उक्त जानकारी देते हुए महासभा के महामंत्री भंवरलाल सिंघी ने बताया कि इस सम्मेलन में देशभर की सभाओं से 650 प्रतिनिधि भाग लेंगे। सम्मेलन के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए बताया कि सम्मेलन में समाज की सामूहिक शक्ति का सुसंगठित नियोजन, सभा के पदाधिकारियों को केन्द्रीय दिशा निर्देशों के प्रति जागरूकता, संघीय अनुशासन के अनुरूप एकरूपता के साथ संस्थाओं के संचालन पर विचार विमर्श, युगीन अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य प्रणाली में सुधार एवं परिवर्तन पर विचार विमर्श, अगले वर्ष के लक्ष्यों पर चिंतन, समाज में विद्यमान विसंगतियां, विकृतियों और विवाह विच्छेद, नशा सेवन जैसी समस्याओं के समाधान हेतु विचार विमर्श एवं आचार्य श्री महाश्रमण अमृत महोत्सव वर्ष में पंचाचार की आराधना हेतु सभाओं के माध्यम से परिवारों को जागरूक करने के संदर्भ में चिंतन मंथन चलेगा।
इससे पूर्व मंत्री मुनि सुमेरमल ने सभा को संबोधित किया। मुनि किशनलाल ने बालकों के जीवन में धैर्य सहनशीलता एवं ग्रहणशीलता को जरूरी बताया। मुनि महावीरकुमार ने ‘‘श्रेष्ठ बालक वह सुगुणों का जो अमीर भण्डार है’’.... गीत को प्रस्तुत किया। आलोक स्कूल की छात्रा हिनल सांखला ने स्कूल की गतिविधियों की जानकारी दी। प्रधानाचार्य त्रिपाठी ने आचार्य महाश्रमणजी द्वारा मिले अमूल्य समय के लिए आभार जताया। छात्र गौरव गुंदेचा ने गीत प्रस्तुत किया। संचालन मुनि मोहजीतकुमार ने किया। कार्यक्रम के पश्चात मुनि किशनलाल ने जीवन विज्ञान का प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान किया।
तेरापंथी सभा प्रतिनिधि सम्मेलन आज से
सम्पूर्ण देश से 650 प्रतिनिधि भाग लेंगे
तेरापंथ धर्मसंघ की सर्वोच्च संगठनात्मक संस्था तेरापंथी महासभा के द्वारा त्रिदिवसीय तेरापंथी सभा प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन आचार्य श्री महाश्रमण के सान्निध्य में आज प्रातः 9.30 बजे प्रारम्भ होगा। उक्त जानकारी देते हुए महासभा के महामंत्री भंवरलाल सिंघी ने बताया कि इस सम्मेलन में देशभर की सभाओं से 650 प्रतिनिधि भाग लेंगे। सम्मेलन के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए बताया कि सम्मेलन में समाज की सामूहिक शक्ति का सुसंगठित नियोजन, सभा के पदाधिकारियों को केन्द्रीय दिशा निर्देशों के प्रति जागरूकता, संघीय अनुशासन के अनुरूप एकरूपता के साथ संस्थाओं के संचालन पर विचार विमर्श, युगीन अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य प्रणाली में सुधार एवं परिवर्तन पर विचार विमर्श, अगले वर्ष के लक्ष्यों पर चिंतन, समाज में विद्यमान विसंगतियां, विकृतियों और विवाह विच्छेद, नशा सेवन जैसी समस्याओं के समाधान हेतु विचार विमर्श एवं आचार्य श्री महाश्रमण अमृत महोत्सव वर्ष में पंचाचार की आराधना हेतु सभाओं के माध्यम से परिवारों को जागरूक करने के संदर्भ में चिंतन मंथन चलेगा।
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