राजसमन्द। राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति नारायण रॉय ने कहा कि न्यायालय कोई छोटा बडा नहीं होता गरीब व असहायक के साथ फरियादी को सही, सुलभ व सस्ता तथा शीघ न्याय मिले ऐसी मानसिकता सभी अधिवक्ताओं मे होनी आवश्यक है। न्यायिक क्षेत्र में अधिवक्ता का ही मुख्य रोल होता है जिस पर न्यायाधीश अपना निर्णय सुनाता है और इसके लिए अधिवक्ताआंð को नियमें का सही ज्ञान आवश्यक है जिसे वे हर समय अपडेट करते रहे।मुख्य न्यायाधिपति राय शनिवार को जिला बार एसोसिएशन की ओर से न्यायालय परिसर में छह लाख 51 हजार रुपए की लागत से बने बार एसोसिएशन के पुस्तकालय भवन का मोली की गांठ खोल मंत्रोचार के साथ विधिवत उद्घाटन करने के बाद आयोजित समारोह को मुख्य अतिथि पद से सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने समीप ही पक्षकार दीर्घा व रूम की आधारशिला भी रखी।समारोह में मुख्य न्यायाधिपति रॉय ने कहा कि न्याय के लिए देहाती जिला न्यायालय एवं अन्य न्यायालय में आते है जिनको आधारभूत सुविधाएं भी मिलनी चाहिए। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात अधिवक्ताआंð के लिए है कि वे लोक अदालतों के माध्यम से भी दोनो पक्षांð में समझोता करा सस्ता न्याय सुलभ कराने में अपनी भूमिका निभाए। अपने ज्ञान को सदैव अपडेत रखे।इस अवसर पर राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति एचआर पंवार एवं देवनाराय थानवी ने भी अपने उद्बोधन में कहा कि न्यायिक क्षेत्र में भी आधारभूत सुविधाएं आवश्यक है इस ओर ध्यान दिया जाना चाहिए। राजसमन्द विधायक श्रीमती किरण माहेश्वरी ने कहा कि ग्रामीणो के न्यायिक कार्यों के लिए न्यायालयों में आना पडता है जिनको आधारभूत सुविधाएं मिलनी आवश्यक है। उन्होने अपने कोष से पनघट की व्यवस्था का भी आश्वासन दिया।प्रारंभ में जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष यशवन्त शर्मा ने सभी आगन्तुक न्यायाधिपतियों, अतिथियें का स्वागत किया ।कार्यक्रम का संयोजन करते हुए अधिवक्ता अतुल पालीवाल ने कहा कि सभी अधिवक्ताआंð की सकारात्मक सोच का ही परिणाम है।इस अवसर पर जिला एवं सेशन न्यायाधीश बनवारी लाल शर्मा, जिला कलक्टर ओंकार सिंह, जिला पुलिस अधीक्षक सन्तोष चालके, अतिरिक्त जिला कलक्टर टीकमचन्द बोहरा, उपखण्ड अधिकारी मगन लाल योगी, नगरपालिका अध्यक्ष अशोक रांका सहित बार एसोसिएशन के सदस्य, अधिवक्ता एवं विभिन्न न्यायालयों के न्यायाधीश एवं नागरिक उपस्थित थे।
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