राजसमन्द। मुनि तत्वरूचि तरूण ने कहा कि जिंदगी को संवारने और निखारने के लिए प्रकृति को सुधारना जरूरी है। यद्यपि आकृति तो बाहरी संसाधनें और प्रसाधनें से ंवर सकती है लेकिन जिंदगी को संवारने के लिए आन्तरिक बदलाव लाना होगा। उक्त विचार मुनि ने शुक्रवार को भिक्षु बोधि स्थल राजसमन्द में प्रवचन के दौरान व्यक्त किए। उन्होने कहा जीवन में प्रकृति का सर्वाधिक महत्व है। पारस्परिक प्रेम, सौहार्द, और समन्वय में इसकी अहम भूमिका है। यदि प्रकृति अच्छी है तो घर परिवार में शांति का वातावरण बना रहेगा। प्रकृति खराबक है तो न स्वयं सुख शांति से रहेगा और न ही दूसरें को शांति से रहने देगा। वास्तव में नरक और स्वर्ग प्रकृति में है। इस अवसर पर मुनि भवभूति, मुनि कोमल, मुनि विकास ने भी विचार व्यक्त किए।
No comments:
Post a Comment