Thursday, January 29, 2009

अधिकारियों की लापरवाही से काइन हाउस बने अनुपयोगी

राजसमन्द नगर पालिका का भीलवाडा रोड स्थित काइन हाउस अनुपयोगी साबित हो रहा है। चारे-पानी के अभाव में जहां एक ओर इस पर ताला लटक रहा है वहीं दूसरी ओर शहर में आवारा पशुओं का सम्राज्य स्थापित है। बीते वर्ष के दौरान मात्र 11 आवारा मवेशियों को पकडकर यहां रखा गया था।शहर में आवारा पशुओं को पकडने के बाद पालिका प्रशासन उन्हें एक सप्ताह तक काइन हाउस में रखता है। इस दौरान उनके चारे-पानी की व्यवस्था पालिका करती है। सात दिन के भीतर यदि पशुपालक पशु को लेने आता है तो पालिका की ओर से निर्धारित जुर्माना वसूल कर मवेशी उसके हवाले कर दिया जाता है। काइन हाउस से अपने मवेशी को छुडाने के लिए पशुपालक को प्रतिदिन सौ रूपए के हिसाब से जुर्माना राशि पालिका को देनी होती है। यदि एक सप्ताह बाद तक पशु को मालिक लेने नहीं आए तो पालिका मवेशी की नीलामी कर देती है। नीलामी के दौरान भी यदि मवेशी नहीं बिके तो उन्हें गोशाला के हवाले कर दिया जाता है। यदि गोशाला इन्हें लेने से इंकार कर दे तो विभाग की ओर से शहर के बाहर छुडवाया जाता है। पालिका की ओर से गत वर्ष चलाए गए अभियान में मात्र 11 आवारा मवेशियों को पकडा गया। हालांकि पालिका क्षेत्र में आवारा पशुओं की भरमार है। वर्तमान में काइन हाउस बंद पडा है। पशु सडक पर खुलेआम घूम रहे हैं। जगह-जगह बैठे आवारा पशुओं के कारण यातायात में व्यवधान उत्पन्न हो रहा हैं। विजयदान चारण, पालिका आयुक्त, राजसमंद आवारा पशुओं के धरपकड का अभियान जारी है। काइन हाउस में निर्धारित समय से ज्यादा दिनों तक मवेशियों को नहीं रखा जाता। निर्धारित समयावधि के बाद उन्हें शहर बाहर छुडवाया जाता है।

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