राजसमन्द। मुनि तत्वरूचि तरूण ने कहा कि भगवान ऋषभदेव सही मायने में धर्म एवं समाज व्यवस्था के युग प्रणेता थे। इसीलिए वे युग के आदिकर्ता भी कहलाते हैं। उन्होने बताया कि मानव समाज में असि (सुरक्षा) मसि (व्यापार) कृषि की व्यवस्था का सूत्रपात करने वाले भगवान ऋषभ ही थे। इस युग के प्रथम ऋषि (भिक्षु) भी ऋषभ देव थे। वे धर्म के प्रथम संस्थापक और प्रवर्तक भी थे। उक्त विचार उन्होने रविवार को किशोरनगर स्थित चन्दन निवास पर आयोजित भगवान ऋषभ और अक्षय तृतीया कार्यक्रम में व्यक्त किए। भक्ति संध्या : अक्षय तृतीया के उपलक्ष में किशोरनगर स्थित चन्दननिवास पर शनिवार रात्रि को भगवान ऋषभ भक्ति संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें गीतकाराें पर भावपूर्ण स्वर लहरियाें पर श्रोता झूम उठे। भक्ति संध्या में मुनि तत्वरूचि तरूण, मुनि विकास, मुनि कोमल, स्नेहा लोढा, महेश कुमार लोढा, उर्मिला सोनी, प्रेमदेवी कावडिया ने रोचक भजन प्रस्तुत किए।
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