राजसमन्द। मुनि तत्वरूचि तरूण ने कहा किर् ईष्या एक आग है। जो करता वही जलता है। उन्होनेर् ईष्या करने वालाें को चेताया कि जलाें मत नहीं तो राख हो जाओगे। मुनि बुधवार को किशोरनगर स्थित चन्दन निवास पर धर्मसभा को सम्बोधित कर रहे थे। मुनि ने कहा किर् ईष्या दूसराें के सदगुणाें से नहीं अपने अवगुणाें से हो। तभी जीवन में सुधार आएगा और सफलता भी मिलेगी। उन्होने कहा कि आज प्रतिस्पधा्र का युग है। प्रतिस्पर्धा प्रशस्त है तो विकास में सहायक भी बन सकती है। लेकिन जो अपनी शक्ति और सामर्थ्य को तोले, परखे बिना दूसरों की देखा देखी करता है उसे निराश होना पड सकता है। इस अवसर पर मुनि भवभूति, मुनि विकास, मुनि कोमल कुमार ने भी विचार व्यक्त किए।
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