Monday, April 27, 2009

सामूहिक पारणा महोत्सव

राजसमन्द। सम्बोधि उपवन परिसर में ध्यान मुनि शुभकरण एवं मुनि जतन कुमार के सान्निध्य में सोमवार को अक्षय तृतीया के अवसर पर आयोजित सामूहिक पारणा महोत्सव में पांच तपस्वियाें का अभिनन्दन कर वर्षीतप के पारणो कराए गए। समारोह को सम्बोधित करते हुए मुनि शुभकरण ने कहा कि अक्षय तृतीया का दिन जैन समुदाय के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है। इस दिन प्रथम तीर्थकर भगवान ऋषभ ने एक वर्ष 40 दिन की लम्बी तपस्या के पश्चात पडपौत्र श्रेयोस कुमार के हाथाें इक्षु रस स्वीकार कर पारणा किया। उसी समय देवाें द्वारा पांच दिव्य द्रव्याें की वर्षा की गई। अहो दान की ध्वनि से आकाश गुंजायमान हो उठा। वह पहला समय था जब लोगो को दान का ज्ञान हुआ। इस फल के प्रथम संत ऋषभ और प्रथम दाता श्रयांस कुमार कहलाए। भगवान ऋषभ की पावन स्मृति के साथ आज भी तपस्वी जन वर्ष भर एकान्तर यानि एक दिन के बाद एक दिन उपवास तप कर वेशाख शुक्ला तृतीया को इक्षु रस से पारणा करते हैं। व्यक्ति की आत्म शक्ति से यह तपस्या सम्भव है, इससे कर्म निज्ररा तो होती ही है, मन परिवर्तित हो निर्मल बनता है। मुनि जतन कुमार ने कहा कि भगवान ऋषभ ने यह लम्बी तपस्या कोई सुलक्ष्य की हो ऐसा नहीं है वह उनके पूर्व अन्तराय कम्र के योग से हो गई। यह हकीकत है कि किसी भी कार्य के पीछे कोई न कोई कारण अवश्य होता है। भगवान ऋषभ की दीर्घ तपस्या के पीछे भी अन्तराय कर्म का बडा कारण रहा है। प्रारंभ में मुनि सिध्दार्थ कुमार, मुनि आनंद कुमार ने मंगलाचरण प्रस्तुत कर शुभारंभ किया। समारोह के विशिष्ट अतिथि रंगलाल रामलाल सिंघवी, न्यायविद डॉ बसंती लाल बाबेल,सम्बोधि ट्रस्ट मंडल अध्यक्ष पूर्णचन्द्र बडाला थे। संचालन वरिष्ठ श्रावक सुन्दरलाल लोढा ने किया। इस अवसर पर धर्मेश डांगी, महेश उपाध्याय, महेन्द्र कोठारी कांकरोली, डॉ मदन सोनी, राजकुमार दक, सोहनलाल माण्डोत, भंवर लाल कोठारी, फतेहलाल मेहता, श्यामसुन्दन चोरडिया, शिक्षाविद चतुर कोठारी, पुष्पा वागरेचा, जगजीवन चोरडिया, हरकलाल बडाला, धर्मचन्द खाब्या, सोहनलाल सिंघवी, सुरेश सिंघवी, देवीलाल कोठारी, अशोक डुंगरवाल, विनोद बडाला सहित राजनगर, केलवा, आमेट, देवगढ, कांकरोली, बिनोल, सरदारगढ, खरनोटा, छापली, आदि क्षेत्राें के श्रावक श्राविकाएं उपस्थित थे।
इनका हुआ अभिनन्दन : समारोह में वर्षीतप करने वाले तपस्वी ज्ञानचन्द बाल मुकुन्द गोयल जावद (म.प्र.), दमयन्ती देवी फतहलाल सरणोत आमेट, कमला देवी नानालाल बोहरा आमेट, चंचल देवी देवीलाल मेहता आमेट, कंचन देवी चन्दनमल बडाला कांकरोली का शॉल ओढाकर अभिनन्दन भेंट कर ट्रस्ट मंडल परिवरा की ओर से पूर्णचन्द बडाला, धर्मेश डांगी, महेन्द्र कोठारी, जगजीवन चोरडिया, फतेहलाल मेहता ने सम्मानित किया।
मुमुक्ष मिलन का हुआ सम्बोधि में अभिनन्दन : आगामी छह मई को हिमाचल सूरी नगर चारभुजा में दीक्षित होने वाले मुमुक्ष मिलन कुमार सिंघवी का सोमवार को सम्बोधि उपवन परिसर में ध्यानयोगी मुनि शुभकरण एवं मुनि जतनकुमार के सान्निध्य में अभिनन्दन किया गया। इस अवसर पर मुनि शुभकरण ने कहा कि कम्प्युटर इंजिनियरिंग के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी धर्म एवं अध्यात्म के प्रति बढी रूचि के पश्चात दीक्षा ग्रहण करने का यह निर्णय अद्भुत है। मुमुक्ष की अन्तर्मन की भावना जागृत हुई तब ही ऐसा निर्णय हो सकता है। यह आध्यात्मिक ऊंचाइयाें को छुएं, यही मंगल भावनाएं है।

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