Monday, April 27, 2009

शांति के बराबर दूसरी कोई तपस्या नहीं : मुनि संजय

राजसमन्द। अक्षय तृतीया पर तुलसी साधना शिखर पर मेवाड, मारवाड, गुजरात, मुम्बई आदि क्षेत्राें से आए समागत जन को सम्बोधित करते हुए मुनि संजय कुमार ने कहा कि शांति तुल्य तपो नास्ति: उमा स्वामी आचार्य ने कहा शक्ति के समान दूसरी कोई तपस्या नहीं होती है, अनाहार तप के साथ आवेश समन और अनाशक्ति के प्रयोग करना जरूरी है। तपस्या आडम्बर मुक्त एवं सादगी युक्त होनी चाहिए। इस अवसर पर मुनि प्रसन्न कुमार ने कहा कि साधना की ऊंचाइयाें से प्राप्त करने के लिए क्षेत्र का चयन जरूरी है, गृहस्थ भी आहार संयम के प्रयोग से स्वास्थ्य एवं अन्य उपलब्धियां प्राप्त कर सकता है। कार्यक्रम का प्रारंभ नमस्कार महामंत्र से हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि अणुव्रत महासमिति के अध्यक्ष डॉ महेन्द्र कर्णावट ने कहा कि भगवान ऋषभ ने असि, मसि, कृषि के द्वारा विश्व को ही ठंग से जीवन यापन का संदेश दिया। साधना शिखर के अध्यक्ष भंवरलाल डागलिया ने सभी का स्वागत किया एवं कार्याध्यक्ष भंवर वागरेचा ने साधना शिखर की प्रवृतियाें पर तथा कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ बालकृष्ण गर्ग बालक ने अक्षय तृतीया के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर शोभालाल, देवीलाल चण्डालिया, नाथूलाल धाकड ने वर्षी तप के संबंध में परिचय दिया। कार्यक्रम का संयोजन साधना शिखर के जीतमल कच्छारा ने किया।

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