Wednesday, April 22, 2009

सत्संग से स्वत: ही भक्ति का बीज अंकुरित होता है

राजसमन्द। जिले के आमेट क्षेत्र के बुधपुरा गांव में बुधपुरा श्याम मंदिर पर सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन कथावाचक मुकेश जोशी ने नवधा भक्ति का वर्णन करते हुए कहा कि जब मनुष्य सत्संग का आक्षय लेता है तो भक्ति मनुष्य के ह्दय में स्वयं ही समा जाती है। क्याेंकि सदगुण और दुर्गुण प्राणी मात्र के अन्त:करण में होते हैं मनुष्य को जेसा संग मिल जाता है उसी प्रकार के गुणाें की वृध्दि मनुष्य में होती है इसलिए हमेशा मनुष्य को सत्संग करना चाहिए।
उन्होने कहा कि मनुष्य को सही ज्ञान तभी प्राप्त होगा जब गुरू की महिमा को समझ उत्पन्न होगी। उन्होने कहा कि अनुष्ठान से मंत्र जाप करने से भगवान में अनन्य निष्ठा और दृढ विश्वास उत्पन्न होगा। जोशी ने जब तेरा पल पल बीता जाए मुख से जपले नम:शिवाय भजन गाया तो उपस्थित भक्तगण नृत्य करने लगे। इस अवसर पर महंत सीताराम दास ने भागवत की आरती उतारी व व्यास पीठ का पूजन एवं जोशी का स्वागत शंकर लाल जोशी, श्यामलाल शर्मा , गंगाराम, केलाश चन्द्र शर्मा, किशनलाल, जोध सिंह, देवीलाल, लालुराम जाट, भागीरथ जाट सहित मुरडा, झौर, गोवलिया, देवली, उलपुरा, काबरी, गलवा, रातडियाखेडा, वजेपुरा एवं आस पास के सैकडाें भक्त ाें ने देर रात तक जमें रहे।

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