Monday, January 12, 2009

सहन करना और शांत रहना ही सफलता का महामंत्र

राजसमन्द। मुनि तत्वरूचि तरूण ने कहा कि जीवन में आने वाली हर चुनौतियों का सामना शांति से करना चाहिए। क्येंकि सहन करना और शांत रहना ही सफलता का महामंत्र है। शांत भाव में पूरी तरह सोच-िवचार कर लिया हुआ निर्णय ही सही होता है। आवेश में बिना विचारे उठाया कोई भी कदम बाद में पश्चाताप का कारण बनता है। इसलिए जो समाधान शांति से मिलता है वह उत्तेजना से कभी संभव नहीं। वे रविवार को भिक्षु बोधि स्थल राजसमन्द में कामयाबी का सूत्र है- शांति विषय पर प्रवचन कर रहे थे।उन्होने कहा दुखमय संसार के अन्दर भी स्वर्ग का अहसास किया जा सकता है। बशर्ते आवेश और आवेश पर हमारा नियंत्रण हो तथा दीमाग शांत हो। जीवन में शांति सबसे बड़ी उपलब्धि है। शांति है तो स्वर्ग हमारे जेहन में और शांति नहीं तो स्वर्ग भी नरक है।अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता : मुनि तत्वरूचि तरूण के सान्निध्य में तेरापंथ महिला मंडल एवं तेरापंथ सभा के बीच भिक्षु बोधि स्थल राजसमन्द में समायोजित आध्यात्मिक अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता में तेरापंथ महिला मंडल ने जीत हासिल की। कार्यक्रम की शुरूआत में मुनि विकास कुमार ने मंगलाचरण किया।कन्या मंडल की संगोष्ठी : मुनि तत्वरूचि तरूण के सान्निध्य में तेरापंथ महिला मंडल की संगोष्ठी भिक्षु बोधि स्थल में रविवार को आयोजित हुईं। इस अवसर पर मुनि तत्वरूचि तरूण ने कहा कि मर्यादा से ही जीवन की महत्ता है। मर्यादा जीवन की सुरक्षा और विकास का आधार है। हमें प्रकृति से मर्यादा की प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्हेने कहा मर्यादा बन्धन नहीं बल्कि मुक्ति का मार्ग है। इस अवसर पर तेरापंथ कन्या मंडल संयोजिका श्रीमती स्वाति मादरेचा, प्रभारी पुष्पलता मादरेचा ने भी विचार व्यक्त किए।

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