राजसमन्द। मुनि तत्वरुचि ने कहा कि प्रकृति पर किसी का अनुशासन नहीं वह स्व अनुशासित है। इसी प्रकार मनुष्य को आत्मानुशासित होना चाहिए। मुनि तत्वरुचि मंगलवार को भिक्षु बोधि स्थल में तेरापंथ महिला मण्डल की साप्ताहिक संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अनुशासन की अपेक्षा वहां है जहां स्व का नियंत्रण नहीं है। आत्मानुशासन विकास का सुरक्षित पथ है। मुनि ने कहा कि प्रकृति नियम से आबद्ध है तो मनुष्य नियम और अनुशासन का उल्लंघन क्यों करता है। मुनि तत्वरुचि ने स्वस्थ समाज सकल्प अभियान की शुरूआत करते हुए महिला मण्डल की सदस्यों को संकल्प करवाया। इस अवसर पर महिला मण्डल की अध्यक्ष लाड मेहता, ललिता चपलोत, उर्मिला सोनी, निर्मला कोठारी, प्रेमलता कावडिया, हेमलता कोठारी, सीमा धोका, राजुला मादरेचा, भाग्यवंती बाबेल ने भी विचार व्यक्त किए। मानवता के सजग प्रहरी थे आचार्य तुलसी : भिक्षु बोधि स्थल में मंगलवार को आचार्य तुलसी की मासिक पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में मुनि तत्वरुचि ने कहा कि आचार्य तुलसी मानवता के सजग प्रहरी थे जिन्होंने मानवता की राह दिखाई। उन्होंने कहा कि इंसान पहले इंसान बने फिर हिंदू या मुसलमान। मुनि ने कहा कि आचार्य तुलसी एक धर्म सम्प्रदाय के गुरु होते हुए भी उन्होंने सभी धर्मो का आदर किया। इस अवसर पर मुनि भवभूति, मुनि कोमल, मुनि विकास ने भी विचार व्यक्त किए।प्रज्ञा-2009 आज : तेरापंथ युवक परिषद राजसमन्द की ओर से बुधवार को मकर संक्रांति पर्व पर सकल जैन समाज के लिए शहर के सौ फीट रोड़ स्थित भिक्षु निलयम् पर बाल मेला एवं सांस्कृतिक संध्या `प्रज्ञा-2009' का आयोजन होगा।तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष प्रमोद सोनी ने बताया कि इस आयोजन में विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजन की स्टॉल लगेगी। इसके अलावा विभिन्न गेम्स एवं रोचक प्रतियोगिताएं होगी।
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