राजसमन्द। राजसमन्द संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी रासासिंह रावत ने सुरसा के मुंह की तरह बढ रही महंगाई के लिए पूरी तरह से केन्द्र की कांग्रेसनीत मनमोहन सरकार को दोषी ठहराया है। रावत ने कहा कि कांग्रेस स्वयं भी चुनावाें में पैसे की कमी को पूरा करने के लिए शक्कर, तेल, दाल, सिमेंट व स्टील जैसे जरूरी सामान व खाद्य पदार्थों की कालाबाजारी में लिप्त है। भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम सिंह राठौड एवं महामंत्री महेश पालीवाल ने सरकार पर आरोप लगाया कि मुद्रा स्फीती ऋणात्मक होने का कयास लगाने वाली कांग्रेस सरकार देश की भोली-भाली जनता को मूर्ख बनाकर एनसीडीएक्स जेसे वायदा बाजाराें के माध्यम से जनता का खून चुसने में लगी है। मीडिया प्रकोष्ठ जिला संयोजक मधुप्रकाश लङ्ढा ने कहा कि एक तरफ महंगाई दर पिछले तीन-चार महीने में 12 प्रतिशत से घटकर 0.31 प्रतिशत हो गई वहीं इसके विपरित खाद्य पदाथाें के भावाें में 30 प्रतिशत से 45 प्रतिशत की बढोतरी हो गई है। खुले बाजार में शक्कर के भाव 20 रुपए से बढकर 28 से 30 रुपए किग्रा, चना दाल 24 रुपए से 33 रुपए वहीं तेल के भाव 68 रुपए से बढकर 90 रुपए प्रति किलोग्राम हो गए हैं। जो अब तक रिकार्ड भाव है। इसके विपरित कांग्रेस महंगाई दर के आधार पर महंगाई कम होने का दावा कर रही है वहीं दूसरी ओर गृहणियाें का रसोई बजट गडबडा गया है।
लङ्ढा ने आरोप लगाया कि प्रत्येक गुरूवार को सरकार द्वारा जारी होने वाले महंगाई दर के आंकडो का मापदण्ड ही गलत व दोषपूर्ण है। यह देश की जनता के साथ धोखा है। शादी, विवाह, सावाें की वजह से खरीददारी करना जनता की मजबूरी हो गई है। जिसका फायदा वायदा बाजार को हो रहा है। सही मायने में महंगाई पर काबू पाना है तो वायदा बाजार पर रोक लगा कर जिंसो की काला बाजारी पर अंकुश लगाना आवश्यक है।
लङ्ढा ने आरोप लगाया कि प्रत्येक गुरूवार को सरकार द्वारा जारी होने वाले महंगाई दर के आंकडो का मापदण्ड ही गलत व दोषपूर्ण है। यह देश की जनता के साथ धोखा है। शादी, विवाह, सावाें की वजह से खरीददारी करना जनता की मजबूरी हो गई है। जिसका फायदा वायदा बाजार को हो रहा है। सही मायने में महंगाई पर काबू पाना है तो वायदा बाजार पर रोक लगा कर जिंसो की काला बाजारी पर अंकुश लगाना आवश्यक है।
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