Sunday, April 12, 2009

शांति के लिए अणुबम की नहीं अणुव्रत की जरूरत : मुनि तत्वरूचि

राजसमन्द। अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य तुलसी की मासिक पुण्य तिथि पर किशोरनगर राजनगर स्थित चण्डालिया निवास पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए मुनि तत्वरूचि ने कहा कि विश्व शांति के लिए अणुबम नहीं, अणुव्रत की जरूरत है। आतंकवाद, उग्रवाद, अलगाववाद, सम्प्रदायवाद, जातिवाद आदि समस्याएं राष्ट्र के समक्ष चुनौति बन कर खडी है। अणुव्रत के माध्यम से इन समस्याआें का समाधान किया जा सकता है। अणुव्रत कोई सम्प्रदाय नहीं बल्कि विशुध्द मानव धर्म है। जिसमें इंसान को इंसानियत के पथ पर चलने की बात की गयी है। वास्तव में अणुव्रत मानवता की न्यूनतम आचार संहिता है। इस अवसर पर मुनि भवभूति, मुनि कोमल, मुनि विकास ने भी विचार व्यक्त किए।
सगीत संध्या : मुनि तत्वरूचि तरूण के सान्निध्य में शनिवार रात को किशोरनगर स्थित चण्डालिया निवास पर आध्यात्मिक संगीत संध्या का आयोजन किया गया। संगीत संध्या में गीतकाराें की प्रस्तुतियाें से श्रोता भाव विभोर होकर झूम उठे। कार्यक्रम में मुनि तत्वरूचि तरूण, गीतकार महेश कुमार लोढा, श्रीमती उर्मिला सोनी, मुनि कोमल, मुनि विकास, श्रीमती सुशिला बडाला, श्रीमती लाड मेहता, स्नेहा लोढा, भूरालाल बेताला आदि ने अपनी प्रस्तुतियां दी। इस अवसर पर सम्पतलाल सोनी, अनिल कुमार कावडिया, मदनलाल सोनी, गणेशलाल बडाला, मोहनलाल धोका, मंजू दक,योगेन्द्र चोरडिया आदि उपस्थित थे।

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