Thursday, April 9, 2009

धार्मिक को नैतिक होना जरूरी : मुनि तत्वरूचि

राजसमन्द। मुनि तत्वरूचि तरूण ने कहा कि धार्मिक का नैतिक होना बहुत जरूरी है। क्याेंकि नैतिकता के बिना धार्मर्िक तो दमर सही मायने में मानव भी नहीं हो सकता। नैतिकता इंसानियत की बुनियाद है। उक्त विचार उन्होनें गुरूवार को तेरापंथ भवन कांकरोली मेें धर्म और नैतिकता विषय पर प्रवचन करते हुए व्यक्त किए। उन्होने कहा नैतिकता शून्य धार्मिकता एक प्रकार का छलावा है। धार्मिक होकर भी नैतिक न होना तो दुनियां का महान आश्चर्य है। मुनि ने कहा कि विश्व की अधिकांश समस्याआें की जड अनैतिकता है। अगर समाज में नैतिकता की प्रतिष्ठा हो जाए तो भ्रष्टाचार और हिंसा जैसी वैश्विक समस्याआें का खातमा हो सकता है। स्वस्थ समाज के निर्माण में नैतिकता पहली आवश्यकता है। इससे पूर्व मुनि तत्वरूचि ने अपने सहवर्ती संत मुनि भवभूति, मुनि कोमल, मुनि विकास के साथ स्टेशन रोड स्थित जगजीवन चोरडिया के निवास से विहार कर तेरापंथ भवन पहुंचे।
तेरापंथ सभाध्यक्ष महेन्द्र कुमार कोठारी ने बताया कि मुनि तत्वरूचि तरूण अपने सहवर्ती संतो के साथ शुक्रवार को तेरापंथ भवन कांकरोली से विहार कर किशोरनगर में चन्दनमल चण्डालिया के निवास पर प्रवास करेंगे।

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