Sunday, April 12, 2009

अध्यात्म का आधार है समता : मुनि तत्वरूचि

राजसमन्द। मुनि तत्वरूचि तरूण ने कहा कि अध्यात्म का आधार है समता। समता का सार है समाधी। जीवन में आने वाली अनुकूल प्रतिकुल परिस्थितयाें को समता भाव से सहन करने वाला ही शांति को प्राप्त हो सकता है। उक्त विचार मुनि ने शनिवार को राजनगर के किशोरनगर में प्रवचन के दौरान व्यक्त किए। उन्होने कहा शांति और समाधि का मार्ग है, समता। समता आत्मा को योतिर्मय बनाने वाला महासूर्य है। जिसमें से सहिष्णुता, समन्वय, सौहार्द, शांतिपूर्ण सह अस्तित्व आदि किरणें प्रस्फुटित हो रही है। इस अवसर पर मुनि कोमल व मुनि विकास ने भी विचार व्यक्त किए।
प्रेरक अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता : मुनि तत्वरूचि तरूण के सान्निध्य में रविवार को किशोरनगर स्थित चण्डालिया निवास पर प्रेरक अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। उक्त जानकारी हिम्मतमल कोठारी ने दी।

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