राजसमंद। भीम कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की स्थिति बदहाल है। विद्यार्थियों को मूलभूत सुविधाएं भी मयस्सर नहीं हैं। स्कूल में विद्यार्थियों के समक्ष बिजली व पानी तथा शिक्षकों के लिए वेतन की समस्या हैं। बुधवार को क्षेत्रीय विधायक हरिसिंह रावत ने जब विद्यालय का आकस्मिक निरीक्षण किया तो व इन समस्याओं से रूबरू हुए। नंदावट में नए आवासीय विद्यालय में स्थानान्तरित होने के बाद इस विद्यालय की सौ छात्राओं के लिए बिजली की समस्या बनी हुई हैं। महीन रोशनी जहां अध्ययन में बाधा है वहीं पानी चढाने के लिए मोटर नहीं होने से छात्राओं को स्नान आदि के लिए हौज से बाल्टी भर कर लाना पडती हैं। परिसर के हैण्डपंप में भी रूक-रूक कर पानी आता है। विधायक ने देखा कि आधे से ज्यादा छात्राओं की बेडशीट, बिना खोली के पतले बिस्तर व रजाई मैली थीं। दरी- पट्टी के अभाव में कोरे आंगन में बैठकर छात्राओं को भोजन करता पडता है। विद्यालय की आवश्यकता संबंधी प्रस्ताव समय-समय पर भेजे गए लेकिन जिला मुख्यालय पर सुनवाई नहीं हुई। विधायक ने सहायक लेखाधिकारी से बात की तो उन्होंने प्रस्ताव से अनभिज्ञता जाहिर की। इस पर शिक्षिकाओं ने भेजे गए चार-पांच प्रस्ताव की प्रतिलिपियां विधायक को दी। सर्व शिक्षा अभियान के बीआरसीएफ प्रकाश चौधरी ने प्रस्ताव भेजे जाने की पुष्टि की। विधायक ने किचन को आधुनिक बनाने तथा विस्तार के लिए एक लाख रूपए देने की घोषणा की। उन्होंने कनिष्ठ अभियंता नारायणसिंह को सारा काम व्यवस्थित करने के निर्देश दिए। विद्यालय परिसर की अधूरी चारदीवारी के कारण मवेशी परिसर में आ जाते हैं। बस स्टॉप नहीं होने से बसें नहीं रूकतीं। किचन के धुएं की निकासी नहीं होने से सारी दीवारें काली पड गई हैं। भवन की बाई ओर की छत कम ऊंची होने से खिडकियों के रास्ते कोई भी ऊपर चढ सकता हंै। स्वास्थ्य लाभ के लिए आवेदन करने पर ही चिकित्सक जांच के लिए आते हैं। शिक्षिकाओं को चार माह से वेतन नहीं मिला हंै। शिक्षिकाओं को पुरानी एजेन्सी के माध्यम से मिले चैक का भुगतान भी नहीं हो पाया हैं। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पांच माह का वेतन बकाया है।
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