Monday, January 12, 2009

ब्राहृमण शास्त्रार्थ कर सकता है तो शस्त्र भी उठा सकता है

विपत्ति में शात्र छोड़कर शत्र ही उठाने पड़े तो ब्राह्मण पिछे नहीं रहे। यह उद्गार पाड़वा में आयोजित त्रिवेदी मेवाड़ा ब्राह्मण समाज के महा सम्मेलन में अखिल हिन्द त्रिवेदी मेवाड़ा ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष हसमुख पण्ड्या ने व्यक्त किये ।पाड़वा के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में आयोजित हुए सम्मेलन के मुख्य अतिथि सीताराम आश्रम जेठाणा के महंत मोतीराम पुरोहित व विशिष्ट अतिथि ब्रह्मपुरी धाम छींच के महंत घनश्यामदास, काली कल्याण धाम वरदा के महंत भीमसिंह, सेवा निवृत्त अतिरिक्त कलक्टर टीआर जोशी एवं समाजसेवी मनोहरलाल भट्ट थे।स्वर्गीय अमृतलाल त्रिवेदी की स्मृति में आयोजित महा सम्मेलन के आयोजक डायालाल त्रिवेदी ने मंचासीन अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया । सुमन त्रिवेदी व भूमिका त्रिवेदी की ईश वंदना से प्रारंभ हुए मेवाड़ एवं वागड़ के त्रिवेदी मेवाड़ा समाज के सम्मेलन को संबोधित करते हुए महंत घनश्यामदास ने कहा कि ब्राह्मण समाज में लुप्त होते संस्कार एवं विखण्डित होते संगठन को बनाये रखने की आवश्यकता है। टीआर जोशी ने समाज से आह्वान किया कि समय व परिस्थिती के अनुरूप परंपराओं में बदलाव कर समय के साथ चले।सम्मेलन में विभिन्न चोखलों से आये प्रतिनिधियों व पदाधिकारियों ने संबोधित करते हुए समाज की सकारात्मक सोच बनाने विवाह व यज्ञोपवित संस्कार जैसे सामूहिक कार्यक्रम करने पर बल दिया। इसके अलावा शिक्षा को बढावा देने, महिलाओं को आगे बढ़ाने, युवकों को संगठित करने, युवक-युवती परिचय सम्मेलन आयोजित करने, प्रतिभाओं को सम्मान देने सहित विषयों पर चर्चाएं हुई। 8 चौखलों के महा सम्मेलन में ड़ंगरपुर, बॉसवाड़ा एवं उदयपुर जिलों के त्रिवेदी मेवाड़ा ब्राह्मण समाज के 22 गांवों के प्रतिनिधियों व पदाधिकारियों ने भाग लिया। संचालन नवनीत व्यास व गोमतीश्ंाकर पण्ड्या ने किया व राजेन्द्र त्रिवेदी ने आभार माना। महा सम्मेलन में डायालाल त्रिवेदी ने अपने पिता स्वर्गीय अमृतलाल त्रिवेदी की स्मृति में सागवाड़ा में समाज के छात्रावास को 21 हजार, विद्यालय में प्याऊ निर्माण के लिए 17 हजार, त्रिमेस छात्रावास बांसवाड़ा को 11 हजार, कृष्ण मंदिर पाड़वा को 11 हजार, शिव मंदिर पाड़वा को 11 हजार, गणपति मण्डल सामलिया को 5 हजार, पूर्णिमा गरबा मण्डल भीलूड़ा को 11 हजार एवं त्रिमेस छात्रावास डूंगरपुर को 5 हजार की राशि भेंट की जिस पर पाड़वा के त्रिमेस युवा क्लब द्वारा उन्हें शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।

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