Tuesday, April 14, 2009

मंदिर की शोभा दीपक से नारी की शोभा परिवार से : साध्वी सम्यक प्रभा

राजसमन्द। साध्वी सम्यक प्रभा ने कहा कि महिला परिवार की दीपशिखा होती है जिस तरह मंदिर की शोभा दीपक से होती है उसी तरह परिवार की शोभा नारी से होती है ऐसे में नारी की परिवार व समाज एवं राष्ट्र के निर्माण व विकास में अहम भूमिका है। आवश्यकता इस बात की है कि नारी अपने दायित्व का परिवार में एक दूसरे के विचार का सामंजस्यपूर्ण आदर करें तो घर स्वर्ग बन जाएगा। उक्त विचार साध्वी ने भिक्षु बोधि स्थल राजसमन्द में तेरापंथ महिला मंडल की साप्ताहिक संगोष्ठी में व्यक्त किए। उन्होने कहा पर्वत की ऊंचाई, सागर की गहराई व आसमान की विशालता इस समग्र गुणाें को एक साथ महिला में देखा जा सकता है। इस अवसर पर साध्वी मलय प्रभा ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर संस्था सहमंत्री श्रीमती ललिता चपलोत, अध्यक्षा श्रीमती लाड मेहता, नीना कावडिया, राजुला मादरेचा उपस्थित थे।
भिक्षु बोधि स्थल मीडिया प्रभारी श्रीमती लाड मेहता ने बताया कि साध्वी कंचनप्रभा बुधवार को ठाकुर मार्बल मोरचणा से विहार कर प्रात: साढे नौ बजे भिक्षु बोधि स्थल में आएंगी जहां साध्वी सम्यक प्रभा, साध्वी प्रबल यशा एवं मुनि तत्वरूचि तरूण सहित 14 साधु-संतो व चार गु्रप का आध्यात्मिक मिलन होगा।

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