राजसमन्द। मुनि तत्वरूचि तरूण ने कहा कि शांति बिना समृध्दि व्यर्थ है। जीवन में सबकुछ प्राप्त हो जाने पर भी शांति नहीं है तो कुछ भी नहीं है। जीवन में सर्वाधिक मूल्यवान है शांति। उन्होने शांति के लिए क्रोध, मान, माया और लोभ का उपशमन जरूरी है। वे गुरूवार को कांकरोली स्थित सुन्दर कोलोनी में धर्मसभा को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होने कहा अहिंसा शांति की संजीवनी है। आवेश और आवेग हिंसा को जन्म देते है। हिंसा शांति मे बाधक है। जहां हिंसा वहां शांति संभव नहीं। अत: शांति के लिए अहिंसा का विकास जरूरी है। अहिंसा के विकास के लिए कषाय में कटोती आवश्यक है। इस अवसर पर मुनि भवभूति, मुनि कोमल, मुनि विकास ने भी विचार रखे।
आध्यात्मिक अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता : मुनि तत्वरूचि तरूण के सान्निध्य में कांकरोली स्थित सुन्दर कोलोनी में आध्यात्मिक अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में पुरूष वर्ग विजयी रहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती मंजू चोडिया ने की। सभा में मेवाड स्तरीय ज्ञानशाला सहसंयोजिका मंजू दक, मास्टर हरकलाल बाफना, जगजीवन चोरडिया, एडवोकेट देवेन्द्र कच्छारा, रजनीश वागरेचा, अनिल दक, पुष्पा डांगी, पुष्पा कोठारी, विनोद कुमार पितलिया आदि उपस्थित थे।
उन्होने कहा अहिंसा शांति की संजीवनी है। आवेश और आवेग हिंसा को जन्म देते है। हिंसा शांति मे बाधक है। जहां हिंसा वहां शांति संभव नहीं। अत: शांति के लिए अहिंसा का विकास जरूरी है। अहिंसा के विकास के लिए कषाय में कटोती आवश्यक है। इस अवसर पर मुनि भवभूति, मुनि कोमल, मुनि विकास ने भी विचार रखे।
आध्यात्मिक अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता : मुनि तत्वरूचि तरूण के सान्निध्य में कांकरोली स्थित सुन्दर कोलोनी में आध्यात्मिक अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में पुरूष वर्ग विजयी रहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती मंजू चोडिया ने की। सभा में मेवाड स्तरीय ज्ञानशाला सहसंयोजिका मंजू दक, मास्टर हरकलाल बाफना, जगजीवन चोरडिया, एडवोकेट देवेन्द्र कच्छारा, रजनीश वागरेचा, अनिल दक, पुष्पा डांगी, पुष्पा कोठारी, विनोद कुमार पितलिया आदि उपस्थित थे।
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