Wednesday, April 8, 2009

तुलसी साधना शिखर पर अक्षय तृतीया समारोह

राजसमन्द। तुलसी साधन शिखर पर आगामी 27 अप्रेल को प्रात: सवा नौ बजे मुनि संजय कुमार, मुनि प्रसन्न कुमार, मुनि प्रकाश, मुनि रवी कुमार के सान्निध्य में अक्षय तृतीया समारोह मनाया जाएगा। श्रमण संस्कृति में भी तथा वैदिक संस्कृति में श्री अक्षय तृतीया का महत्वपूर्ण स्थान है। विवाह की दृष्टि से जैसे आखातीज को सर्वोत्तम एवं बिना पूछा महुरत मानते हैं इसी तरह अक्षय तृतीया को सकल जैन समाज त्याग और तपस्या के समापन जो पूरे वर्ष भर चलती है। इक्षु-रस (गन्ने का रस)ग्रहण कर अपने वर्षी तप को समापन करते हैं। क्याेंकि इसी दिन जैन परम्परा के प्रथम तीर्थकर भगवान ऋषभ ने अपनी छह माह की लम्बी तपश्चर्या का इक्षु रस ग्रहण कर पारणा किया था। इस वर्षी तप को श्रमण संस्कृति में प्रबल पा कर्म से छुटकारा पाने एवं पुण्योदय प्राप्ति का उपक्रम मानते हैं। संस्था के महामंत्री गणेश डागलिया ने बताया कि इस समारोह में विभिन्न जेन समाज के महानुभावाें के साथ-साथ कई प्रबुध्द मनिषियाें की उपस्थिति रहेगी। संस्था के कार्याध्यक्ष भवर वागरेचा ने बताया कि नौ अप्रेल से संस्था परिसर में ध्यान योग साधना के साथ-साथ प्राकृतिक चिकित्सा एवं होम्योपेथी की नि:शुल्क चिकित्सा डॉ बालकृष्ण गर्ग के सान्निध्य में पुन: प्रारंभ हो गई है।

No comments: