Tuesday, April 21, 2009

आपसी तकरार का कारण है अहंकार : मुनि तत्वरूचि

राजसमन्द। मुनि तत्वरूचि तरूण ने कहा कि जीवन में अहंकार से तकरार है। पारिवारिक, सामाजिक जीवन में आपसी मन मुटाव ओर तकरार का कारण विचार नहीं अहंकार है। मुनि ने बताया कि अहंकार से विचारों में दुराग्रह पनपता है, जो विग्रह, कलह-कदाग्रह को जन्म देता है। अत: परस्पर शांतिपूर्ण सह अस्तित्व के लिए अहंकार का विलय जरूरी है। उक्त विचार उन्होने मंगलवार को किशोरनगर स्थित चन्दन निवास पर धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होने कहा कि अहंकार शांति ओर विकास में बाधक है। आत्म विकास के लिए तो अहंकार को मिटाना अति आवश्यक है। लेकिन आपसी सामंजस्य, सौहार्द पूर्ण वातावरण के लिए भी अहंकार के खत्म करना जरूरी है। उन्होने कहा कि जीवन जीत अहंकार से नहीं विनम्रता से मिलती है। इस अवसर पर मुनि भवभूति, मुनि कोमल, मुनि विकास ने भी सभा को सम्बोधित किया।
आध्यात्मिक मिलन : किशोर नगर स्थित चन्दन निवास पर मंगलवार को आध्यात्मिक मिलन हुआ। यहां प्रवासित संत मुनि तत्वरूचि तरूण का मुनि संजय कुमार, मुनि प्रसन्न कुमार, मुनि प्रकाश कुमार, मुनि रवि कुमार से सुखद मिलन हुआ। इस अवसर पर मुनि भवभूति, मुनि कोमल, मुनि विकास ने अतिथि संतो का स्वागत अभिनंदन किया। इससे पूर्व मुनि संजय कुमार व मुनि प्रसन्न कुमार अपने संतो के साथ भिक्षु निलयम से विहार कर किशोरनगर पहुंचे। तेरापंथ सभा राजनगर के अध्यक्ष सुरेशचन्द्र कावडिया, सहमंत्री अशोक डूंगरवाल, आमेट नगरपालिकाध्यक्ष प्रेमदेवी सिंयाल, महेन्द्र सियाल, डॉ मदनलाल सोनी, मनोहर लाल वागरेचा, महेश कुमार लोढा, प्रकाश मेहता, दुलहराज चण्डालिया, जितेन्द्र चण्डालिया, मनोहर धोका, भूरालाल बेताला, कमल प्रभा, लाड मेहता आदि संतो के स्वागत एवं अगवानी पर मौजूद थे।

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