Friday, April 17, 2009

बरस रहे अंगारे

तेज धूप तन को झुलसाने लगी है। चिलचिलाती धूप में राहगीरों व वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड रहा है। गर्मी के तेवर बढने से लोगों ने अपने को घर में कैद कर लिया है। गर्म हवा के थपेडों से वाहन चालक परेशान हैं। घरों में कूलर व पंखे नॉनस्टॉप चल रहे हैं। मौसमी बीमारियों से पीडित मरीजों का चिकित्सालयों में आना जारी है। सुबह की धूप भी शरीर को चुभने लगी है। सुबह दस बजे बाद बाद घर से निकलना मुश्किल हो गया है। दिन के समय सडकों पर सन्नाटा पसरा रहता है। शाम को भी गर्म हवा चल रही है जिससे बाजारों में चहल-पहल कम ही है। चिकित्साधिकारी डॉ. एच. सी. सोनी ने बताया कि अस्पताल में मौसमी बीमारियों से पीडित रोगियों की संख्या बढने लगी है। चिकित्साधिकारी ने मौसमी बीमारियों व गर्मी से बचने के लिए धूप में ज्यादा न निकलने, खुला भोजन न करने, भर पेट पानी पीने तथा बाहर निकलते समय गमछा बांधकर निकलने की सलाह दी है।भीम। बढती गर्मी से आम जनजीवन प्रभावित है। दोपहर में बाजार सुनसान हो जाते हैं। महिलाएं छाता लेकर निकल रही हैं तो पुरूष सिर पर गमछा लपेट कर। लोग सादा भोजन व दही-छाछ का अधिक प्रयोग करने लगे हैं।आमेट । पिछले चारपांच दिन से बढती गर्मी के कारण लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड रहा है। बिजली की लुका छिपी से समस्या और बढ गई है। चिकित्सा प्रभारी जसविन्दर गिल ने बताया कि अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। दुपहिया वाहन चालक चश्मा, टोपी व गमछे का प्रयोग कर रहे हैं। बाजार में शीतल पेय की दुकान पर भीड जुटने लगी है। क्षेत्र में जगह-जगह प्याऊ लगी हैं।नाथद्वारा । मौसम के बदले मिजाज से बुखार व सिरदर्द की शिकायतें बढ रही हैं। कई स्थानों पर पानी साफ न होने से बीमारी की आशंका सताने लगी है। बढती गर्मी से अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ गई है। धूप से बचने के लिए लोग काला चश्मा, टोपी तथा गमछे का इस्तेमाल करते हैं। पर्यटक आइसक्रीम, नींबू-पानी व अन्य शीतल पेय का ज्यादा प्रयोग कर रहे हैं। धूप से बचाव का उपयोगी साधन छतरी आधुनिकता के इस दौर में महज बुजुर्गो तक सीमित है। युवा लोग छतरी लेकर चलने में झिझकते हैं।कुंवारिया । बादलों से हुई उमस ने लोगाें को बेहाल कर दिया है। दोपहर में लोग घर से बाहर जरूरी काम पर ही निकलते हैं। राजमार्ग, चौराहा आदि पर प्याऊ की स्थापना की गई है। फलों की बिक्री बढी है। दही-छाछ का ज्यादा प्रयोग होने लगा है। चिकित्साधिकारी डॉ. राजकुमार खेलिया ने बताया कि चिकित्सालय में सिरदर्द, उल्टी आदि के रोगी ज्यादा आ रहे हैं।

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