राजसमन्द। मेवाड केदेशोद्वारक आचार्य जितेन्द्र सूरीश्वर के पदमभूषण एवं निपुण रत्न आदि का निश्रा में आध्यात्मिक ज्ञान शिविर के दूसरे दिन जिलेश्वर महात्मा का स्नात्र महोत्सव आयोजित किया गया, जिसमें सभी शिविरार्थी विद्यार्थियाें ने पूजा के वस्त्र में भाग लिया। इस अवसर पर परमात्मा के जन्म के समय जिस प्रकार इन्द्र महाराजा परमात्मा को मेरू पर्वत पर ले जाते हैं तथा अपना पांच रूप बनाकर प्रभु का जन्माभिषक करते हैं वैसा ही वर्णन यहां पर भी साक्षात विद्यार्थियाें ने किया। सभी प्रभु भक्ति में मस्त होकर नृत्य कर रहे थे। दयालशाह किले पर आयोजित शिविर में प्रात: आत्म तत्व के बारे में कक्षा हुई उसके बाद स्नात्र महोत्सव में सभी भाग लिया। इसके पश्चात सूत्र रहस्य जैन इतिहास, आहार-शुध्दि, कर्मवाद इत्यादि की कक्षाएं आयोजित की गई। स्नात्र में अमरसिंह बाबेल, विपिन, मनीष ने व्यवस्था संभाली।
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