राजसमन्द। मुनि जतन कुमार ने कहा कि मनुष्य अपने जीवन के महत्व को समझे, मनुष्य योनी का एक-एक पल अपने आत्मा के विकास के लिए लगाए। ज्ञान का भण्डार हमारे पास है उसे आत्म साधना से जगाए और आत्म साधना को समझे।
मुनि जतन कुमार बोरज स्थित तेरापंथ भवन में धर्म सभा को सम्बोधित कर रहे थे उन्होंने कहा कि हमने सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जीवन को प्राप्त किया है। हमारा जीवन कलात्मक होना चाहिए। हमारा चिंतन, मनन प्रभावकारी हो और लोगों को उससे प्रेरणा मिले। व्यक्तित्व विकास आज काफी महत्वपूर्ण हो गया है। जैन जीवन शैली, अणुव्रत, जीवन विज्ञान, प्रेक्षा, ध्यान को समझ कर पूरा परिवार सुसंस्कारी हो ऐसा प्रयास करना चाहिए। उन्होंने श्रावकों से कहा कि इंसान पहले इंसान बने तभी वास्तविक शांति का अनुभव होगा। मुनि आनंद कुमार कालू ने कहा कि जैन जीवन शैली के लिए संयम, साधना एवं स्वाध्याय जरूरी है। युवा पीढी से व्यवसन मुक्त जीने का आह्वान किया।
मुनि जतन कुमार बोरज स्थित तेरापंथ भवन में धर्म सभा को सम्बोधित कर रहे थे उन्होंने कहा कि हमने सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जीवन को प्राप्त किया है। हमारा जीवन कलात्मक होना चाहिए। हमारा चिंतन, मनन प्रभावकारी हो और लोगों को उससे प्रेरणा मिले। व्यक्तित्व विकास आज काफी महत्वपूर्ण हो गया है। जैन जीवन शैली, अणुव्रत, जीवन विज्ञान, प्रेक्षा, ध्यान को समझ कर पूरा परिवार सुसंस्कारी हो ऐसा प्रयास करना चाहिए। उन्होंने श्रावकों से कहा कि इंसान पहले इंसान बने तभी वास्तविक शांति का अनुभव होगा। मुनि आनंद कुमार कालू ने कहा कि जैन जीवन शैली के लिए संयम, साधना एवं स्वाध्याय जरूरी है। युवा पीढी से व्यवसन मुक्त जीने का आह्वान किया।
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