राजसमन्द। आनंद मार्ग जिला शाखा राजसमंद के तत्वावधान में आध्यात्मिक पुन: जागरण अभ्युदय अभियान शनिवार से प्रारंभ हुआ।
सौ फीट रोड़ स्थित आनंद राज कुटीर में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ रमा नंदवाना ने उर्दू भाषा में प्रभात संगीत गाकर किया। श्रीमती आनंदमयी ने भी बंगला भाष में प्रभात संगीत गाकर वातावरण भक्तिमय बना दिया। परमपुरूष ही सब कुछ है के भाव में लीन होकर सभी साधक-साधिकाओं ने बाबा नाम केवलम कीर्तन कर भाव विभोर हो गए। सामूहिक ईश्वर प्रणिधान के उपरांत उपस्थित धर्म प्रिय जनों को सम्बोधित करते हुए डॉ. विजय खिलनानी ने कहा कि आज के परिवेश में उन भारतीय आदर्श मूल्यों का लोप हो जाना तथा स्वार्थ, लालच व स्वयं के लिए जीना ही वर्तमान दुर्दशा का कारण है। हमें केवल भाषण, उपदेश या प्रवचनों तक ही सीमित नहीं रखकर अपने आचरण व कर्म द्वारा आध्यात्मिक पुन: जागरण अभ्युदय करना होगा तभी हमारा भारतीय कहलाना सार्थक होगा। ब्रजेन्द्रपाल सिंह, गेहरीदेवी सुथार ने भी धार्मिकता का दिखावा नहीं कर आचरण करने के लिए प्रेरित किया।
सौ फीट रोड़ स्थित आनंद राज कुटीर में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ रमा नंदवाना ने उर्दू भाषा में प्रभात संगीत गाकर किया। श्रीमती आनंदमयी ने भी बंगला भाष में प्रभात संगीत गाकर वातावरण भक्तिमय बना दिया। परमपुरूष ही सब कुछ है के भाव में लीन होकर सभी साधक-साधिकाओं ने बाबा नाम केवलम कीर्तन कर भाव विभोर हो गए। सामूहिक ईश्वर प्रणिधान के उपरांत उपस्थित धर्म प्रिय जनों को सम्बोधित करते हुए डॉ. विजय खिलनानी ने कहा कि आज के परिवेश में उन भारतीय आदर्श मूल्यों का लोप हो जाना तथा स्वार्थ, लालच व स्वयं के लिए जीना ही वर्तमान दुर्दशा का कारण है। हमें केवल भाषण, उपदेश या प्रवचनों तक ही सीमित नहीं रखकर अपने आचरण व कर्म द्वारा आध्यात्मिक पुन: जागरण अभ्युदय करना होगा तभी हमारा भारतीय कहलाना सार्थक होगा। ब्रजेन्द्रपाल सिंह, गेहरीदेवी सुथार ने भी धार्मिकता का दिखावा नहीं कर आचरण करने के लिए प्रेरित किया।
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