राजसमन्द। जिले के प्रभारी सचिव एवं परिवहन आयुक्त निरजंन आर्य ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को समुचित चिकित्सा व्यवस्था के साथ सभी चिकित्साकर्मियों को अपने मुख्यालय पर रहने तथा अधिशाषी अभियंता जलदाय को गर्मी के मौसम में जरूरतमन्दो तक पेयजल आपूर्ति करने के निर्देश दिए।
आर्य गुरूवार को कलक्टे्रट सभागार में जिला कलक्टर ओंकार सिंह के साथ विभिन्न विभागों के अधिकारियों के कार्यो की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होने कहा कि गर्मी के मौसम में हर जरूरतमन्द के पास खास तोर से दुर्लभ एवं पहाडी स्थानो में पेयजल आपूर्ति परिवहन कर उपलब्ध कराएॅ। इसे गंभीरता से लें। उन्होने अधिशाषी अभियंता को निर्देश दिए कि पूरे जिले की पेयजल की स्थिति का मेप तैयार करें जिसमें सभी गांवो का अंकन हो, जिसमे यह दर्शाया जाए कि किस क्षेत्र में जल स्त्रोत के कौन-कौन से साधन है तथा कौनसे क्षेत्र में जल के स्त्रोत नकारा है, ऐसे सभी स्थानों का चित्रण मेप तैयार करें और उसी के आधार पर पर्याप्त एवं मांग के अनुरूप पेयजल परिवहन कर उपलब्ध कराए जाने में आसानी रहेगी।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि वे अपने चिकित्साकर्मियों को पाबन्द करें कि किसी भी सूरत में बिना अनुमति के मुख्यालय नही छोडे यदि ऐसा पाया जाता है तो संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होने यह भी निर्देश दिए कि सभी चिकित्सालयों में बी0पी0एल0परिवारों को मुख्यमंत्री सहायता कोष के माध्यम से मिलने वाली नि:शुल्क सुविधाओं के लिए काउन्टर लगाए तथा एक व्यक्ति काउन्टर सीट पर बैठा रहे ओर आने वाले पात्र व्यक्तियों को योजनाओं के अनुरूप जानकारी हो ओर वे उन्हे मुहैया कराकर उन्हे लाभान्वित करें।
उन्होने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समय समय पर जारी की जाने वाली नवीन चिकित्सा योजनाओं की जानकारी रखे ओर उसी के अनुरूप उसे यिान्वित करें। उन्होने कहा कि सभी चिकित्सालयों में बजट के अनुरूप आवश्यक उपका उपलब्ध रहे एवं इनका उपयोग हर आने वाले रोगियों की जांच के लिए किया जाए, उपकरणो के होने के बावजूद किसी भी प्रकार की जांच के लिए बाहर से जांच कराकर रोगियो पर आर्थिकभार न डाले। इस प्रवृति को रोकने के लिए सभी चिकित्साधिकारियों को पाबन्द करें साथ ही सभी चिकित्साधिकारी जहां तक संभव हो जैनरिक दवाईयॉ ही लिखे। उन्होने कहा कि बुखार के आने वाले रोगी की यदि रक्त जांच कराई जाती है तो जितने भी रोगी आए उन सभी की रिपोर्ट भी ली जानी चाहिए।
आर्य ने इसके अलावा विभिन्न विभागों में कृषि, सिंचाई, जिला उद्योग केन्द्र, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति आदि विभागों की भी संक्षिप्त समीक्षा की।
बैठक में जिला कलक्टर ओंकार सिंह ने भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अधिशाषी अभियंता जलदाय विभाग को आवश्यक सेवाओं के तहत माकुल व्यवस्था रखने के निर्देश दिए।
बैठक में उपखण्ड अधिकारी राजसमन्द मगनलाल योगी, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेड़ बी मिर्जा, जिला रसद अधिकारी सुभाष कुमावत सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
आर्य गुरूवार को कलक्टे्रट सभागार में जिला कलक्टर ओंकार सिंह के साथ विभिन्न विभागों के अधिकारियों के कार्यो की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होने कहा कि गर्मी के मौसम में हर जरूरतमन्द के पास खास तोर से दुर्लभ एवं पहाडी स्थानो में पेयजल आपूर्ति परिवहन कर उपलब्ध कराएॅ। इसे गंभीरता से लें। उन्होने अधिशाषी अभियंता को निर्देश दिए कि पूरे जिले की पेयजल की स्थिति का मेप तैयार करें जिसमें सभी गांवो का अंकन हो, जिसमे यह दर्शाया जाए कि किस क्षेत्र में जल स्त्रोत के कौन-कौन से साधन है तथा कौनसे क्षेत्र में जल के स्त्रोत नकारा है, ऐसे सभी स्थानों का चित्रण मेप तैयार करें और उसी के आधार पर पर्याप्त एवं मांग के अनुरूप पेयजल परिवहन कर उपलब्ध कराए जाने में आसानी रहेगी।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि वे अपने चिकित्साकर्मियों को पाबन्द करें कि किसी भी सूरत में बिना अनुमति के मुख्यालय नही छोडे यदि ऐसा पाया जाता है तो संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होने यह भी निर्देश दिए कि सभी चिकित्सालयों में बी0पी0एल0परिवारों को मुख्यमंत्री सहायता कोष के माध्यम से मिलने वाली नि:शुल्क सुविधाओं के लिए काउन्टर लगाए तथा एक व्यक्ति काउन्टर सीट पर बैठा रहे ओर आने वाले पात्र व्यक्तियों को योजनाओं के अनुरूप जानकारी हो ओर वे उन्हे मुहैया कराकर उन्हे लाभान्वित करें।
उन्होने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समय समय पर जारी की जाने वाली नवीन चिकित्सा योजनाओं की जानकारी रखे ओर उसी के अनुरूप उसे यिान्वित करें। उन्होने कहा कि सभी चिकित्सालयों में बजट के अनुरूप आवश्यक उपका उपलब्ध रहे एवं इनका उपयोग हर आने वाले रोगियों की जांच के लिए किया जाए, उपकरणो के होने के बावजूद किसी भी प्रकार की जांच के लिए बाहर से जांच कराकर रोगियो पर आर्थिकभार न डाले। इस प्रवृति को रोकने के लिए सभी चिकित्साधिकारियों को पाबन्द करें साथ ही सभी चिकित्साधिकारी जहां तक संभव हो जैनरिक दवाईयॉ ही लिखे। उन्होने कहा कि बुखार के आने वाले रोगी की यदि रक्त जांच कराई जाती है तो जितने भी रोगी आए उन सभी की रिपोर्ट भी ली जानी चाहिए।
आर्य ने इसके अलावा विभिन्न विभागों में कृषि, सिंचाई, जिला उद्योग केन्द्र, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति आदि विभागों की भी संक्षिप्त समीक्षा की।
बैठक में जिला कलक्टर ओंकार सिंह ने भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अधिशाषी अभियंता जलदाय विभाग को आवश्यक सेवाओं के तहत माकुल व्यवस्था रखने के निर्देश दिए।
बैठक में उपखण्ड अधिकारी राजसमन्द मगनलाल योगी, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेड़ बी मिर्जा, जिला रसद अधिकारी सुभाष कुमावत सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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