Thursday, May 28, 2009

दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए दृढ इच्छा शक्ति से कार्य करना नितान्त आवश्यक

राजसमन्द। परिवहन आयुक्त निरजंन आर्य ने कहा है कि राज्य सरकार सडक दुर्घटनाओं को गंभीरता से ले रही है और दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग मोर्डन सिस्टम कार्य प्रणाली को लागू करेगा लेकिन दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए दृढ इच्छा शक्ति के साथ परिवहन निरीक्षको एवं पुलिस अधिकारियों को अपना दायित्व पूर्ण जिम्मेदारी के साथ निभाना होगा।
आर्य गुरूवार को कलक्टे्रट सभागार में सडक दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए राज्य परिवहन विभाग की ओर से उठाए जाने वाले कदमों एवं दिशा निर्देशों के साथ सुझावों के लिए उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाडा, चित्तौडग़ढ, भीलवाडा एवं राजसमन्द के जिला परिवहन अधिकारियों, जिला समन्वयको, पुलिस निरीक्षको एवं सहायक निरीक्षको के अलावा स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की आयोजित बैठक को मुख्य अतिथि से सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होने कहा कि राज्य में लगभग 60 लाख वाहनो के रजिस्टे्रशन है तथा साढे पॉच करोड राजस्थान की जनसंख्या है और अनुपातिक हिसाब से एक करोड घर है तथा एक परिवार में औसत पॉच सदस्य भी माना जाए तो हर दो घर के बीच एक वाहन उपलब्ध है।
उन्होने बताया कि लगभग राजस्थान में हर वर्ष साढे आठ हजार व्यक्तियों की दुर्घटनाओं में मृत्यु हो रही है और वाहनो के बढते अनुपात को देखा जाए तो आने वाले समय में यह आंकडा एक करोड के आसपास पहुंचने वाला जिससे सडको पर एक ओर परिवहन का भार निश्चत तोर पर बढेगा।
आर्य ने कहा कि सडक दुर्घटनाओं मे व्यक्ति की मृत्यु होने पर उस परिवार के सारे सपने टुट जाते है और परिवार की कई दफे दयनीय स्थिति हो जाती है। जिसे रोकने के लिए दृढ इच्छा शक्ति के साथ कार्य करना आवश्यक है। उन्होने कहा कि परिवहन विभाग से जुड़े कार्मिक यदि मन में धार ले तो इसमें निश्चत ही कमी लाई जा सकती है। उन्होने कहा कि सरकारी प्लानिंग अनुपात पर काम करती है ओर इसी के अनुरूप इसे रोकने के लिए बडे पैमाने पर कार्ययोजना बनाई जा रही है। जिला मुख्यालय पर सडक दुर्घटना को लेकर एक सैल कायम किया जा रहा है तथा इन्टर सेक्टर भी जिलो में दिए जाएगें जिसके माध्यम से ओवर लोडिग वाहनों अथवा तेज गति से चलने वाले वाहनो की फोटो खीच ली जाएगी जिससे उस वाहन के भाग जाने पर भी इसके नम्बर निकले फोटो से आसानी से देखे जा सकेगे और संबंधित विभाग को जुर्माना चालान भिजवाया जाएगा।
उन्होने बताया कि परिवहन विभाग दुपाहिया वाहनों पर हेलमेट अनिवार्य कर रहा है। जरूरत पडी तो पीछे बैठने वाले सवारी को भी हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जाएगा। उन्होने बताया कि एक आंकलन के हिसाब से 70 प्रतिशत दुर्घटनाएॅ दिन में होती है शेष 30 प्रतिशत दुर्घटनाएॅ रात में और अधिकांश दुर्घटनाएॅ कार, जीप, मोटरसाईकिल एवं ग्रामीण क्षेत्रो में होती है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सभी वाहनो यहां तक की बैलगाडियों पर भी रिफलेक्टर लगाए जाएगें। इसके लिए उन्होने परिवहन विभाग के अधिकारियों को कार्यवाही करने के निर्देश दिए साथ ही ओवरलोडिग वाहनों एवं मंदिरा सेवन कर वाहन चलाने वालो के खिलाफ मोटर वाहन एक्ट के तहत कार्यवाही करने के सख्त निर्देश दिए।
बैठक में परिवहन आयुक्त ने कहा कि परिवहन विभाग सडक दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए इसके लिए विद्यालयों में भी एक पाठयम निर्धारित किए जाने का प्रस्ताव लिया जाएगा इस अवसर पर राजकुमार दक ने राजसमन्द में केलवा एवं मार्बल खनन क्षेत्र में ओवर लोडिग से चलने वाले ट्रको एवं दुर्घटनाओं में कमी लाने से संबंधित सुझाव प्रस्तुत किए।
प्रारंभ में अतिरिक्त परिवहन आयुक्त ने परिवहन विभाग की सडक दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए अपनाई जा रही कार्ययोजना पर विस्तार से जानकारी दी।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) भीलवाडा डॉग़ोपाल राम स्वामी, उपखण्ड अधिकारी राजसमन्द मगनलाल योगी, जिला परिवहन अधिकारी उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाडा, चित्तौडग़ढ, भीलवाडा एवं राजसमन्द, जिला समन्वयक पुलिस निरीक्षक, सहायक निरीक्षक एवं स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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