राजसमन्द। जिले के कुंवारिया कस्बे में गुरुवार को रावलीपोल के बाहर अम्बे माता मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा व ध्वजदण्ड और कलश धूमधाम के साथ स्थापित किया गया।
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में बुधवार शाम को प्रतिमा का विभिन्न प्रकार से अभिषेक किया गया। बुधवार मध्य रात्रि सवा 12 बजे से यज्ञ हवन शुरू हुआ। इस यज्ञ में मुम्बई के वैलर्स व्यवसायी ख्यालीलाल, दिनेश कुमार, राजेन्द्र कुमार, माणक पीपाडा आदि जोड़ों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ में आहुतियां लगाई। छह घंटे तक चले इस यज्ञ के दोरान सुबह करीब सवा पांच बजे ढोल धमाकों के साथ नव प्रतिमा का जलाभिषेक कर जयघोष के साथ नवनिर्मित मंदिर में प्रवेश कराया। मंदिर के मुख्य द्वार पर तोरण लगाया गया। लाल कपड़े में लिपटी प्रतिमा को मंदिर में प्रवेश कराने के बाद लाल कपड़ा हटाया गया। इस दोरान एक आइना प्रतिमा के समक्ष रखा गया। लाल कपड़ा हटते ही आइने के टुकड़े-टुकडे बिखर गए। इस पर भक्तजनों ने माताजी के जयकारे लगाए। मंदिर के शिखर पर ख्यालीलाल पीपाड़ा ने ध्वजदण्ड व कलश की विधि विधान से पूजा-अर्चना करके स्थापित किया व ध्वजा भी चढाई गई। साथ ही गणपति मंदिर के पास स्थापित अम्बे माता की प्राचीन प्रतिमा को भी मदन लाल सोनी द्वारा मंदिर परिसर में स्थापित किया गया। पूर्णाहति के उपरांत आरती उतारी गई। माताजी के दर्शन करने के लिए दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा। वहीं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खेल मैदान में भक्तजनों को महाप्रसाद का वितरण किया गया। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए व्यापार मण्डल के सदस्यों ने व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखे। महोत्सव में जेन मित्र मण्डल कुंवारिया, मुम्बई, महावीर इंटरनेशनल, ब्राह्मण सेवा समिति, गणेश नवयुवक मण्डल, जेन कांफ्रेंस, युवा शक्ति संगठन सहित अन्य सामाजिक सेवा संस्थाओं का सहयोग रहा।
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में बुधवार शाम को प्रतिमा का विभिन्न प्रकार से अभिषेक किया गया। बुधवार मध्य रात्रि सवा 12 बजे से यज्ञ हवन शुरू हुआ। इस यज्ञ में मुम्बई के वैलर्स व्यवसायी ख्यालीलाल, दिनेश कुमार, राजेन्द्र कुमार, माणक पीपाडा आदि जोड़ों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ में आहुतियां लगाई। छह घंटे तक चले इस यज्ञ के दोरान सुबह करीब सवा पांच बजे ढोल धमाकों के साथ नव प्रतिमा का जलाभिषेक कर जयघोष के साथ नवनिर्मित मंदिर में प्रवेश कराया। मंदिर के मुख्य द्वार पर तोरण लगाया गया। लाल कपड़े में लिपटी प्रतिमा को मंदिर में प्रवेश कराने के बाद लाल कपड़ा हटाया गया। इस दोरान एक आइना प्रतिमा के समक्ष रखा गया। लाल कपड़ा हटते ही आइने के टुकड़े-टुकडे बिखर गए। इस पर भक्तजनों ने माताजी के जयकारे लगाए। मंदिर के शिखर पर ख्यालीलाल पीपाड़ा ने ध्वजदण्ड व कलश की विधि विधान से पूजा-अर्चना करके स्थापित किया व ध्वजा भी चढाई गई। साथ ही गणपति मंदिर के पास स्थापित अम्बे माता की प्राचीन प्रतिमा को भी मदन लाल सोनी द्वारा मंदिर परिसर में स्थापित किया गया। पूर्णाहति के उपरांत आरती उतारी गई। माताजी के दर्शन करने के लिए दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा। वहीं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खेल मैदान में भक्तजनों को महाप्रसाद का वितरण किया गया। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए व्यापार मण्डल के सदस्यों ने व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखे। महोत्सव में जेन मित्र मण्डल कुंवारिया, मुम्बई, महावीर इंटरनेशनल, ब्राह्मण सेवा समिति, गणेश नवयुवक मण्डल, जेन कांफ्रेंस, युवा शक्ति संगठन सहित अन्य सामाजिक सेवा संस्थाओं का सहयोग रहा।
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